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 जिले में कृषि, उद्यानिकी एवं वनोत्पाद आधारित उद्योग की बेहतर संभावानाएं, उद्यमियों के लिए आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों के विचार
जशपुरनगर :  कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर के मार्गदर्शन में 20 फरवरी को जशपुर के जिला पंचायत सभाकक्ष में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग संस्थान तथा जिला उद्योग व व्यापार केन्द्र के संयुक्त तत्वाधान कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला में एम.एसएमई डीआई के डायरेक्टर श्री राजीव एस नायर, डिप्टी डायरेक्टर परगनिया, राष्ट्रीय लघु उद्योगिक निगम के मैनेजर श्री रंगारी ने जशपुर जिले में कृषि,उद्यानिकी एवं वनोत्पाद आधारित उद्योग लगाने पर जोर देते हुए कहा कि जिले में इसकी बेहतर संभावनाएं हैं। उक्त तीनों क्षेत्रों से संबंधित प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना कर बेहतर लाभार्जन किया जा सकता है। यह कार्यशाला उद्यमियों,नव उद्यमियों पंजीकृत हितग्राहियों व्यवसासियों को उद्योग एवं व्यापार से संबंधित भारत सरकार एवं राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी देने के लिए आयोजित की गई थी। इस कार्यशाला में स्थानीय बैंकर्स एवं व्यवसायियों ने भी हिस्सा लिया।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए डायरेक्टर श्री नायर ने कहा कि जशपुर में बहुतायत रूप से साल बीज उपलब्ध है। इसका संग्रहण करके प्रोसेसिंग यूनिट के माध्यम से तेल उत्पादन के साथ ही इसकी अवशेष को अन्य खाद्य पद्धार्थों के लिए तैयार किया जा सकता है। उन्होंने जिले में बहुतायत रूप से आम फलोत्पादन को देखते हुए यहां अमचूर की भी  यूनिट स्थापित करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि प्रासेसिंग यूनिट की लागत अमूमन 50 से 75 लाख रुपए आती है। इसकी स्थापना पर शासन द्वारा 45 प्रतिशत् की कैपिटल सब्सिडी तथा इंट्रेस्ट सब्सिडी 70 प्रतिशत् देय होती है। डिप्टी डायरेक्टर श्री परगरिया एवं मैनेजर रंगारी ने भी भारत सरकार के सूक्ष्म लघु एवे मध्यम उद्योग मंत्रालय द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कार्यशाला में मौजूद उद्यमियों के प्रश्नों एवं शंकाओं का भी समाधान किया। 

कार्यशाला में बताया गया कि देश में आयोजित होने वाले व्यापार मेला/प्रदर्शनी में यदि कोई अनूसूचित जाति, जनजाति का उद्यमी अपने उत्पाद की प्रदर्शनी लगाता है, तो इस पर आने वाला शत् प्रतिशत् व्यय तथा अन्य वर्ग के उद्यमी को व्यय राशि का 80 प्रतिशत् एमएसएमई द्वारा दिया जाता है। एमएसएमई में पंजीयन कराने के बाद उद्यमी के उत्पाद के विक्रय एवं एक्सपोर्ट में भी सहयोग प्रदाय किए जाने की व्यवस्था की गई है। कार्यशाला में जिले में लीची, नाशपाती, आलू, काजू, टाउ, चाय, मिर्च की खेती को देखते हुए इसके प्रासेसिंग यूनिट की स्थापना के लिए नवउद्यमियों को आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया गया। कार्यशाला में महाप्रबधक जिला एवं व्यापार केन्द्र जशपुर श्री सीआर.टेकाम ने छत्तीसगढ़ शासन की नई औद्योगिक नीति 2019-24 के प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी देने के साथ ही प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम तथा मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में महाप्रबंधक उद्योग एवं व्यापार केन्द्र सरगुजा श्री अब्दुल साकिर, प्रबंधक उद्योग कोरिया श्री नरेन्द्र साहू, सहायक संचालक उद्यानिकी श्री भदौरिया, सहायक संचालक मत्स्योद्योग श्री डी.के.इजारदार सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।

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