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 महासमुंद : मॉडल गौठानों में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा बड़े पैमाने पर हो रहा है वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने का काम
महासमुंद : राज्य सरकार के मंशानुरुप जिले के मॉडल गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों के महिलाओं की आजीविका के साधन बनेंगे। गौठानों में महिला स्व-सहायता समूह की आजीविका से जुड़ी गतिविधियों के अंतर्गत वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने का कार्य बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। उद्यान विभाग के सहायक संचालक ने बताया कि इसके तहत महासमुन्द विकासखण्ड के मॉडल गौठान कछारडीह द्वारा 27 क्विंटल खाद का निर्माण किया गया। बसना विकासखण्ड के ग्राम नवागांव के भगवती महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा 18 क्विंटल खाद तैयार किया गया है। इसी प्रकार गायत्री महिला स्व-सहायता समूह पिथौरा के द्वारा 10 क्विंटल खाद तैयार किया गया। राधे-राधे महिला स्व-सहायता समूह हाड़ापथरा द्वारा 11 क्विंटल और चिमरकेल बसना के द्वारा 8 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया गया है।

उन्होंने बताया कि सभी वर्मी कम्पोस्ट खाद स्व-सहायता समूहों से उद्यानिकी विभाग के द्वारा क्रय किया जा रहा है। इससे उनकी आमदनी में बढ़ोत्तरी हो रही है और साथ-साथ इस खाद का उपयोग बाड़ियों में भी  किया जा रहा है। जहां से पौष्टिक सब्जियां प्राप्त होगी, जो कि स्वास्थ्य के लिये लाभदायक होगी। पौष्टिक सब्जियों से कुपोषण को दूर भगाने में काफी मदद मिलेगी तथा बाड़ी वाले कृषकों एवं स्व-सहायता समूह वाली महिलाओं दोनों के लिए आय का जरिया बन रहा है।

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