गोधन न्याय योजना- कोरिया जिले में पहला भुगतान 2.59 लाख रूपये, 1330 हितग्राही लाभांवित,142 गौठानों के माध्यम से 1293.16 क्विटंल हुई गोधन खरीदी
कोरिया : ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाकर प्रदेश के विकास को सकारात्मक और सशक्त दिशा देने शुरू की गई छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत पूरे प्रदेश में हितग्राहियों को पहला भुगतान 05 अगस्त को किया गया। इस योजना की शुरूआत पूरे प्रदेश में 20 जुलाई को हरेली तिहार के अवसर पर की गई थी। 20 जुलाई से लेकर 01 अगस्त तक कोरिया जिले के 142 गौठानों के जरिये गोधन खरीदी की गई, जहां गोबर विक्रय करने वाले 1330 हितग्राहियों से 1293 क्विटंल 16 किलो गोबर की खरीदी की गई है। इसके लिए 02 रूपये प्रति किलो की दर से 02 लाख 59 हजार रूपये का भुगतान हितग्राहियों के बैंक खाते में ऑनलाईन किया गया।

महात्मा गांधी के ग्रामीण विकास से प्रगति की अवधारणा को मूर्त रूप देने की दिशा में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में शुरू की गई इस योजना का शुभारंभ कोरिया जिले में 20 जुलाई 2020 को हरेली तिहार के अवसर पर विकासखण्ड सोनहत के ग्राम पंचायत पुसला के गौठान में संसदीय सचिव श्री पारसनाथ राजवाड़े द्वारा हुआ। योजना के तहत कलेक्टर श्री एस.एन.राठौर और जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती तुलिका प्रजापित के मार्गदर्शन में कोरिया जिले में 01 अगस्त तक 142 गौठानों के माध्यम से गोधन क्रय किया गया।
कलेक्टर श्री राठौर ने बताया कि जिले में गोधन न्याय योजना के प्रभावी क्रियान्वयन एवं निगरानी करने हेतु जिला स्तर पर उनकी अध्यक्षता में जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति गठित की गई है, उक्त समिति में उपसंचालक कृषि सदस्य सचिव तथा जिला पंचायत सीईओ, वनमण्डलाधिकारी, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें, उप पंजीयक सहकारिता, आयुक्त नगर निगम, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, सहायक संचालक उद्यानिकी, सीईओ जिला सहकारी केंद्रीय बैंक सदस्य हैं। योजना के सुचारू रूप से संचालन के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किये गये हैं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के ग्रामीण विकास के विचारों से प्रेरित छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना किसानों और पशुपालकों के लिए के लिए आर्थिक मजबूती की राह और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की संजीवनी बनेगी। गोधन न्याय योजना के तहत गोधन संग्रहित कर वर्मी कम्पोस्ट तैयार की जायेगी, जो जैविक खाद के उपयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा में शासन का महत्वपूर्ण कदम है।
जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती तुलिका प्रजापित ने गोधन न्याय योजना के बारे में बताते हुए कहा कि जिले के अंतर्गत 142 गौठानों में गोधन खरीदी का कार्य किया गया है। प्रातः 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक गौठानों में गोधन खरीदी की जाती है। स्व-सहायता समूहों द्वारा संग्रहित गोबर से केंचुए की मदद से जैविक खाद बनाई जाएगी, जिसके लिए प्रत्येक गौठान में मास्टर ट्रेनरों के माध्यम से समूहों को प्रशिक्षण भी कराया जा रहा है। साथ ही पशुपालक पंजी और गोबर क्रय हेतु क्रय कार्ड एवं पंजी का भी संधारण किया जाता है। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदने से पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी, पशु के खुले में चराई पर रोक लगेगी, जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा, द्विफसलीय क्षेत्र में विस्तार होगा और स्थानीय स्तर पर स्व-सहायता समूहों एवं स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
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