महासमुंद : जिले की गौठानों में वृक्षारोपण के साथ आर्थिक गतिविधियां होंगी तेज
जिले की पौने दो सो से ज़्यादा गौठानों में मवेशियों के छाँव के लिए लगाए जा रहे लगभग 50000 पेड़
गौठानों में हर सात दिन में भेजनी होगी कार्य प्रगति की जानकारी
मुख्यमंत्री स्वयं हर सप्ताह करेंगे प्रगति की समीक्षा
महासमुंद : देश के कई राज्यों के गांव के तालाब या जगह आज भी ऐसी होंगी जहां पशु पालक अपने मवेशियों को पानी पिलाने और नहलाने के लिए जाते होंगे। कई तालाब ऐसे भी होंगे जिसके आस-पास कोई छायादार पेड़ नहीं होगा। मवेशियों और लोगों को इस कारण गर्मी में छांव के लिए दूर पेड़ तले बैठ कर कुछ क्षण आराम पड़ता होगा। इस तरफ किसी ने भी ध्यान नहीं दिया और गांव स्थित तालाब के पास यूं ही पशु पालक तालाब में मवेशियों को छोड़ मवेशियों के साथ खुद भी छांव के लिए जगह-जगह भटकते रहते होंगे। ऐसा कई लोगों ने देखा या सुना होगा।
लेकिन अब कम-से कम छत्तीसगढ़ राज्य में ऐसा बिल्कुल नही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के सभी 28 ज़िलों में मवेशियों की स्वास्थ्य, सुविधा और सुरक्षा को लेकर गौठानों का निर्माण कराया है। जहाँ चारा-पानी और छाया का पूरा इंतज़ाम है। तो वहीं किसानो, पशुपालकों की और अधिक आर्थिक स्थित मज़बूत करने के लिए गोधन न्याय योजना भी शुरू की है ।इस योजना के तहत सरकार गौठानों में पशुपालको से 2 रुपए की दर से गोबर ख़रीद रही है। जिसका शुभारंभ विगत 20 जुलाई हरेली पर्व पर हुआ। ख़रीदें गए गोबर का भुगतान 5 अगस्त को संबंधित गोबर बेचने वाले पशुपालकों के सीधे उनके बैंक ख़तों में जाएगा। गौठानों में मवेशियों के स्वास्थ्य की उचित देखभाल के साथ टिकाकरण भी किया जा रहा है।
प्रदेश की अधिकांश गौठानों में मवेशियों के लिए चार-पानी और छाया का पूरा इंतज़ाम है। मुख्यमंत्री को यह नाकाफ़ी लगा और उन्होंने सभी गौठानों में चालू मानसून में छायादार, फलदार और औषधि युक्त अधिक-से अधिक पेड़ लगाने कहा। साथ ही गौठानों में आर्थिक गतिविधियां शुरू करने को कहा गया। गौठानों में कार्य प्रगति की जानकारी शासन को हर सात दिन में भेजनी होगी। मुख्यमंत्री स्वयं इसकी हर सप्ताह कार्यों की प्रगति की समीक्षा भी करेंगे। मुख्यमंत्री की मंशानुरुप पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी.एस.सिंहदेव के निर्देश पर विभाग द्वारा सभी ज़िला कलेक्टरों को इस संबंध में परिपत्र जारी किया गया है । साथ ही गौठानों में मवेशी संरक्षण खाई सीपीटी (Cattle Protection Trench), वर्मी कंपोस्ट यूनिट, स्वसहायता समूहों के लिए कार्य-शेड तथा आवश्यक मशीनों एवं उपकरणों के कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग कर इनमें तेजी लाने कहा है।
कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत को इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए गुणवत्ता पूर्ण ढंग से करने कहा है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी डा. रवि मित्तल ने वनमंडलाधिकारी से प्रथम चरण में 77 गौठानों की जरूरत एवं मांग के अनुसार पर्याप्त ऊंचाई एवं अच्छी गुणवत्ता के छायादार बड़े वृक्ष उपलब्ध कराए जाएंगे। विभिन्न प्रजातियों के छायादार बड़े वृक्ष लगभग 23770 की माँग की है। डा. मित्तल ने बताया की दूसरे चरण में 100 गौठानो में 25 हज़ार से अधिक पौधों का रोपण किया जाएगा। इस प्रकार जिले की 177 गौठानो में 50 हज़ार से ज़्यादा पेड़ लगाए जाएँगे। उन्होंने बताया कि वृक्षारोपण वन और कृषि विभाग के अधिकारियों के तकनीकी मार्गदर्शन में कराया जाएगा। गौठान में लगाए गए पौधों की देखभाल एवं रखरखाव की जिम्मेदारी गौठान संचालन समिति की होगी।
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