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 जशपुरनगर : जिला जेल में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन
जशपुरनगर : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री अमित जिन्दल ने जिला जेल जशपुर का बीते दिनों मुआयाना किया। इस अवसर पर जिला जेल में  विधिक जागरूकता शिविर का भी आयोजन किया गया। सचिव श्री जिंदल ने विधिक जागरूकता शिविर में उपस्थित बंदियो को बताया कि प्ली बारगेनिंग के अनुसार सात साल के दण्ड तक के मामले में उस दशा को छोडकर जहां अपराध देश की सामाजिक - आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है या स्त्री या 14 साल के बालक के विरूद्व किया गया हो को छोडकर अभियुक्त के स्वेच्छा से आवेदन पेश करने पर प्रकरण का पारस्पारिक सन्तोषप्रद निपटारा किया जा सकता है।
 
ऐसी दशा में धारा 360 या अपराधी परिवीक्षा अधिनियम, 1958 (958 का 20) या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के प्रावधान अभियुक्त के प्रकरण में आकर्षित है, तो वह अभियुक्त परिवीक्षा पर निर्मुक्त किया जा सकता है या न्यूनतम दण्ड के आधे दण्ड से या अन्य दशा में अपराध के लिए उपबन्धित या विस्तारित जैसी स्थिति हो, दण्ड के एक-चैथाई दण्ड से दण्डित किया जा सकेगा। श्री अमित जिन्दल ने बताया कि यदि दोषसिद्वि होने पर अभियुक्त जेल जाता है या विचारधीन बंदी की दोषसिद्वि होती है तो अभियुक्त को प्रदत निर्णय की प्रतिलिपि के अतिरिक्त, निर्णय की एक अन्य अतिरिक्त सत्यापित प्रति जेल प्राधिकारी को प्रेषित किए जाने की व्यवस्था की गई है ताकि कोई भी बंदी अपील के अधिकार से वंचित न रह सके। विधिक सेवा शिविर में सहायक जेल अधीक्षक श्री विजयानंद सिंह भी उपस्थित थे।

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