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 महासमुंद: स्वच्छ भारत मिशन
कचरे के निपटान तथा गांव को स्वच्छ बनाए रखने के लिए 109 ग्र्राम पंचायतों मे ठोस एवं तरल अपशिष्ठ प्रबंधन और शेड निर्माण के लिए तीन-तीन लाख रूपए स्वीकृत
प्रथम चरण मेे अधिक जनसंख्या वाले ग्राम पंचायतों में योजनाबद्ध तरीके से कार्य कराया जाएगा

महासमुंद: जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायत में मलेरिया, डेंगू एवं एच.आई.व्ही. को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए स्व-सहायता महिला समूह को जोड़ा जा रहा हैं। इन महिलाओं को जागरूकता अभियान में जोड़कर ग्रामीण जनों को मलेरिया, डेंगू मच्छर से बचाव और मौसमी बीमारियों के बारें में जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा हैं। स्वास्थ्य अमले द्वारा भी कीटनाशक दवाईयों का छिड़ाकाव किया जा रहा हैं। पात्र हितग्राहियों को मेडिकेट मच्छरदानी का भी वितरण किया जा रहा हैं। गाॅव में सार्वजनिक स्थल, पंचायत भवन, पी.डी.एस. गोदाम, सब्जी बाजार आदि के आस-पास कचरा संग्रहण शेड में उचित निपटान का प्रबंधन किया गया हैं। स्वच्छाग्राहियों महिलाओं के द्वारा ग्रामीण स्तर पर पी.डी.एस. वितरण के दौरान, राशन दुकान एवं सब्जी दुकानों एवं जल स्त्रोतों के आस पास कचरा संग्रहण सेड किया जा रहा है। जिला प्रशासन के द्वारा गांव को स्वच्छ करने के लिए ठोस एवं तरल अपशिष्ठ प्रबंधन पर कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ रवि मित्तल इस पर सतत निगरानी रखे हुए हैं। कचरे के निपटान के लिए तथा गांव को स्वच्छ बनाए रखने हेतु 109 ग्र्राम पंचायतों मे ठोस एवं तरल अपशिष्ठ प्रबंधन और शेड निर्माण के लिए तीन-तीन लाख रूपए की राशि स्वीकृत की गई हैं।  
 
जिले में ठोस एवं तरल अपशिष्ठ प्रबंधन के लिए 109 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। जिसम तीन एन.जी.टी. ग्राम पंचायत खट्टी (महासमुन्द) केन्दुआ (सरायपाली) खटखटी (बसना) में एन.आर.एल.एम. के स्वच्छाग्राही स्व-सहायता समूह के द्वारा स्वच्छता प्रचार-प्रसार कार्य एवं ठोस एवं तरल अपशिष्ठ प्रबंधन पर कचरा संग्रहण कर सुरक्षित निपटान कार्य किया जा रहा है। समूह द्वारा रिक्शा के माध्यम से सुरक्षित उपकरण डेªस, मास्क पहनकर कचरा एकत्रित कर कचरा संग्रहण सेड में उचित निपटान किया जा रहा है। जिले के 109 ग्राम पंचायातों में ठोस एवं तरल अपशिष्ठ प्रबंधन हेतु कचरा संग्रहण एवं कचरे का सुरक्षित निपटान कार्य प्रारंभ कराया जा चुका है। कलेक्टर श्री गोयल एवं जिला पंचायत सीईओ डाॅ मित्तल के द्वारा निर्देशित किया गया है कि कन्ट्रक्सन संबंधित कार्य वर्षा पूर्व पूर्ण कराए जाए। निर्मल भारत अभियान के उद्देश्यों के अन्तर्गत चरणबद्ध तरीके से स्वच्छता के सभी घटकों यथा शौच के बाद साबुन से हाथ धोना, पेयजल स्रोत के आस-पास साफ-सफाई, शौचालय का उपयोग तथा ठोस एवं तरल अपशिष्ट को उचित निपटान की व्यवस्था इत्यादि को लागू कर रहा है। इसी परिपे्रक्ष्य में ग्रामीण क्षेत्रों में समन्वित रूप से ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन निम्न उद्देश्य से प्रोत्साहित किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करना और उनके जीवन स्तर को उन्नत बनाना, पर्यावरण प्रदूषण को कम करना और ग्रामीण परिवेश को स्वच्छ रखना, ठोस एवं तरल अपशिष्ट के पुनः चक्रण एवं पुनःउपयोग को प्रोत्साहित करना, ग्राम स्तर पर जैविक अपशिष्टों को खाद के रूप में परिवर्तित करना एवं ठोस तथा तरल अपशिष्ट प्रबंधन द्वारा ग्रामीण निर्धन वर्ग के लिए रोजगार सृजित करना। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए इन पंचायतों में चरणबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है।
 
इसमें प्रथम चरण मेे अधिक जनसंख्या वाले ग्राम पंचायतों में योजनाबद्ध तरीके से कार्य कराया जाएगा। द्वितीय चरण में निर्मल ग्राम पुरस्कार प्राप्त पंचायतों एवं ऐसी अन्य पंचायतें जहां खुले में शौच से मुक्ति प्राप्त कर ली गई हो उसे शामिल किया जाएगा। तीसरे चरण में शेष पंचायतों में कार्य किया जाना प्रस्तावित है। इन कार्यों के क्रियान्वयन के लिए सहभागी विधि से योजना निर्माण द्वारा ठोस एवं तरल दोनों घटकों का आवश्यकतानुसार समावेश करना होगा। प्रस्तावित सुझाव कम लागत के सरल व उपयुक्त तकनीक पर आधारित होना चाहिए। साथ ही साथ इस बात पर भी जोर दिया गया है कि योजना की सतत् निगरानी एवं निरीक्षण के लिए पंचायत क्षमता व स्वयं के संसाधन भी विकसित कर सके। इसी कार्य योजना को आगे बढ़ाते हुए विकासखण्ड सरायपाली के ग्राम पंचायत केंदुवा के सरपंच श्रीमती कुसवंती पटेल, विकासखण्ड महासमुन्द के ग्राम पंचायत खट्टी के सरपंच श्री दूजराम साहू तथा विकासखण्ड बागबाहरा के ग्राम पंचायत टेमरी के सरपंच श्रीमती धनेश्वरी साहू के सहयोग से ठोस एवं तरल अपशिष्ठ प्रबंधन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।

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