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 हरेली पर्व पर कोरिया जिले के 145 गौठानों में होगा गोधन न्याय योजना का शुभारंभ

गोबर क्रय के साथ ही गौठानों में होगा वृक्षारोपण


कोरिया 19 जुलाई 2020 : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्रामीण विकास के जरिए उन्नति की संकल्पना को साकार करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी योजना की शुरूआत की गई थी। इस योजना का उद्देश्य छत्तीसगढ़ी परंपरा को संजोते हुए ग्रामीण जनता को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इसी उद्देश्य को विस्तार देते हुए पूरे प्रदेश में हरेली तिहार के अवसर पर ‘‘गोधन न्याय योजना’’ प्रारम्भ की जा रही है। इस अवसर पर कोरिया जिले की 145 गौठानों में योजना का शुभारंभ किया जा रहा है, जिसके तहत गौठान में गोबर क्रय करते हुए संग्रहित गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार की जायेगी।


      उल्लेखनीय है कि राज्य शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के अंतर्गत कोरिया जिले में प्रथम एवं द्वितीय चरण में 144 ग्राम पंचायतों में कुल 145 गौठान स्वीकृत हैं। जिनमें से प्रथम चरण के सभी 45 गौठानों एवं द्वितीय चरण के 14 गौठानों का कार्य पूरा हो चुका है। शेष 86 गौठानों में 15 दिवस में पूर्ण कराया जायेगा। 219 ग्राम पंचायतों में भी गौठान निर्माण हेतु उपयुक्त स्थल का चयन कर कार्य शुरू किया जायेगा। इस तरह जिले की 363 ग्राम पंचायतों में गौठान का निर्माण किया जाना है।


      जिले के कलेक्टर श्री एस एन राठौर ने सभी जनपद सीईओ को हरेली तिहार के अवसर पर गौठानो में ‘‘गोधन न्याय योजना’’ शुरू करने के निर्देश दिये हैं। इसके लिए सभी गौठानो में गोबर क्रय करने हेतु वेइंग मशीन, चलनी, पशुपालकों के लिए पशुपालक पंजी और गोबर क्रय हेतु क्रय कार्ड एवं पंजी का संधारण करने निर्देशित किया गया है। गोधन न्याय योजना के अवसर पर द्वितीय चरण के समस्त गौठानों में जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय लोगों की उपस्थिति में वृक्षारोपण भी किया जायेगा।


    जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती तूलिका प्रजापति ने बताया कि हरेली तिहार के दिन गोबर क्रय का कार्य प्रारंभ किया जाना है, इस हेतु प्रथम चरण में 22 गौठानों का चयन किया गया है। कृषि विभाग से 22 गौठानों में 205 वर्मी नाडेप यूनिट बनाया गया है। इन गौठानो में गोबर क्रय किया जायेगा, जिसका भुगतान पशुपालकों को प्रत्येक 15 दिवस के भीतर किया जायेगा। किसानों व चरवाहे से 02 रूपये प्रति किलो से गोबर की खरीदी होगी, इसे 08 रूपये में स्व-सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाकर बेचा जायेगा। गौठानों में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट खाद की गुणवत्ता का परीक्षण एवं पैकेजिंग इत्यादि निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप स्व-सहायता समूहों द्वारा किया जायेगा।


       गोधन न्याय योजना के प्रभावी क्रियान्वयन एवं निगरानी करने हेतु जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति गठित की गई है, उक्त समिति में उपसंचालक कृषि सदस्य सचिव तथा जिला पंचायत सीईओ, वनमण्डलाधिकारी, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें, उप पंजीयक सहकारिता, आयुक्त नगर निगम, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, सहायक संचालक उद्यानिकी, सीईओ जिला सहकारी केंद्रीय बैंक सदस्य होंगे।
       सभी जनपद सीईओ को निर्देशित किया गया है कि गोबर की गुणवत्ता हाथ से उठाये जाने लायक अर्द्धठोस प्रकृति की होगी, गोबर में कांच, मिट्टी, प्लास्टिक इत्यादि नहीं होना चाहिए। खरीदे गये गोबर को गौठान के सीपीटी में 15-20 दिन रखने के बाद वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने उपयोग में लाया जा सकेगा। कलेक्टर श्री राठौर के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में गौठानो में कृषि विज्ञान केन्द्र, एनआरएलएम, कृषि विभाग एवं उद्यानिकी विभाग के माध्यम से ग्राम गौठान समिति व स्व-सहायता समूहों को वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने के लिए दो चरणों में प्रशिक्षण दिया जायेगा।
       हरेली तिहार के दिन जिले के 145 गौठानो में ‘‘गोधन न्याय योजना’’ की शुरूवात की जा रही है, आने वाले समय में सभी 363 ग्राम पंचायत में इसका विस्तार किया जायेगा। गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदने से पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी, पशु के खुले में चराई पर रोक लगेगी, जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा, द्विफसलीय क्षेत्र में विस्तार होगा और स्थानीय स्तर पर स्व-सहायता समूह की महिलाओं एवं स्थानीय लोगो को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

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