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 बलरामपुर : खरीफ फसल हेतु कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

जिले के 30 आदिवासी कृषकों को नेपसेक हैण्ड स्प्रेयर का निःशुल्क वितरण

बलरामपुर 03 जुलाई : खरीफ फसल हेतु कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आदिवासी उपयोजना अंतर्गत अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन फसल अरहर कार्यक्रम हेतु जिले के 30 आदिवासी कृषकों को नेपसेक हैण्ड स्प्रेयर का निशुल्क वितरण किया गया। इंदिरा गंाधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डाॅ. एस.के. पाटिल के निर्देश पर एवं निदेश विस्तार सेवाएं डाॅ. एस.सी. मुखर्जी के मार्गदर्शन में आदिवासी कृषकों को लाभ पहुंचाने हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र, बलरामपुर के वैज्ञानिकों द्वारा आदिवासी उपयोजना अंतर्गत आदिवासी कृषकों को दलहनी फसल - अरहर का प्रदर्शन कार्यक्रम कराया जा रहा है।

कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख डाॅ मनीष चैरसिया ने बताया कि ग्राम नेहरूनगर एवं भैंसामुण्डा के 30 कृषकों का चयन कर उनके जमीनों पर अरहर फसल का कार्यक्रम लिया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य आदिवासी कृषकों को दलहन विकास कार्यक्रम में जोड़कर उनको सीधे लाभ पहुंचाना है। विगत वर्ष 2019-20 में कृषि महाविद्यालय रायपुर के अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक एवं ए.आइ.सी.आर.पी - अरहर के प्रभारी डाॅ. एम.के. सिंह द्वारा 30 एकड़ रकबा में अरहर फसल हेतु अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन का कार्यक्रम कृषि विज्ञान केन्द्र को दिया गया था, जिसके परिपालन में वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम के प्रभारी मनीष आर्या के द्वारा ग्राम नेहरूनगर एवं भैंसामुण्डा के 30 कृषकों का चयन करके अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन का आयोजन अरहर फसल हेतु किया गया। 

इस आदिवासी उपयोजना के अंतर्गत 30 एकड़ कार्यक्रम हेतु 30 हैण्ड स्प्रेयर अनुवांशिकी व पादप प्रजनन विभाग रायपुर द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र को प्रदाय किया गया था जिसका वितरण 02 जुलाई 2020 को खरीफ फसल हेतु आयोजित कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान चयनित कृषकों को निशुल्क वितरण किया गया। प्रशिक्षण के दौरान वैज्ञानिक मनीष आर्या द्वारा विस्तृत रूप से कृषकों को खरीफ फसल की उन्नत विधि से खेती करने की जानकारी के साथ-साथ हैण्ड स्प्रेयर के उपयोग करने व नींदानाशक, कीटनाशक व फफूंदनाशक दवा का छिड़काव करते समय जरूरी सावधानियों के बारे में भी विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। साथ ही उन्होंने बताया कि इस खरीफ वर्ष 2020-21 में भी आदिवासी उपयोजना अंतर्गत कृषकों को अरहर एवं उड़द फसलों हेतु 100 एकड़ में अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन का आयोजन चयनित आदिवासी कृषकों के खेतों में कराया जा रहा है। जिसका मुख्य उद्देश्य दलहन विकास कार्यक्रम को बढ़ाना एवं आदिवासी कृषकों को दलहन उत्पादन के प्रति जागरूक करते हुए दलहन उत्पादन के माध्यम से लाभ पहुंचाना है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में केन्द्र के वैज्ञानिक अनिल सोनपाकर, डाॅ. व्ही.एन. गौतम, आरती कुजूर, प्रक्षेत्र प्रबंधक अनुप पाॅल, कार्यक्रम सहायक अर्पण खलखो एवं विक्रम सिंह उपस्थित थे।

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