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 महासमुंद : रोका-छेका के शुभारंभ अवसर पर स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित सामग्री का हुआ विक्रय

महासमुंद : आगामी फसल बोआई कार्य के पूर्व खुले मे चराई कर रहे पशुओं के नियंत्रण हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुपालन हेतु रोका-छेका परम्परा प्रचलित है, जिसमें फसल बोआई को बढावा देने तथा पशुओं के चरने से फसल को होने वाले हानि से बचाने के लिये पशु-पालक तथा ग्राम वासियों द्वारा पशु को बांधकर रखने अथवा पहाटिया की व्यवस्था इत्यादि कार्य किया जाता है। उक्त प्रयास से ना सिर्फ कृषक द्वारा शीघ्र बुआई कार्य संपादित कर पाये अपितु द्वितीय फसल लेने हेतु भी प्रेरित होंगे।

इस प्रथा अनुसार व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए आज 19 जून 2020 को ग्राम पंचायत बरोण्डा बाजार के गौठान में जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा एवं क्षेत्रीय विधायक विनोद सेवनलाल चन्द्राकर द्वारा कार्यक्रम का संपादन कर मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये संकल्प प्रपत्र को पढकर सभी सभागण के समक्ष संकल्प लिया गया। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘‘बिहान’’ के अंतर्गत स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा निर्मित हैण्डवाश, हारपिक, सेनेटाईजर, फिनाईल, वाशिंग पाउडर, मिक्चर, मास्क, साबुन, शैम्पू, लडडू, आचार, बडी, पापड, अगरबत्ती, मोमबत्ती, जैविक कीटनाशक, दोना-पत्तल, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, मशरूम, एलईडी बल्ब, बैग, बास उत्पाद, मिटटी उत्पाद, एवं जैविक खाद के प्रदर्शनी का अवलोकन कर महिलाओं को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उत्पादो का विक्रय भी किया गया ।
 

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