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 दुर्ग : गौठानों में मछलीपालन, मुर्गीपालन जैसी गतिविधियों को भी बढ़ाएं

- पाटन में ब्लाक लेवल समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने आजीविकामूलक गतिविधियों को बढ़ाने दिए निर्देश
- पाटन ब्लाक में चल रही महत्वपूर्ण कार्यों की समीक्षा की, तय समय पर काम पूरा करने दिए निर्देश

दुर्ग 17 जून : गौठानों को आजीविकामूलक गतिविधियों का केंद्र भी बनाया जाएगा। कलेक्टर डाक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने आज पाटन ब्लाक में हुई अधिकारियों की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अधिकतम अवसर पैदा करने हैं। इसके लिए आजीविकामूलक गतिवधियों को बढ़ावा देना प्रमुख लक्ष्य होगा। नरूवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना मूल रूप से कृषि की तरक्की एवं पशुधन संवर्धन के लिए तैयार की गई है। कृषि और गोपालन के अतिरिक्त मुर्गीपालन, मत्स्यपालन जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देकर किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि गौठानों में डबरियों में मछलीपालन को प्रोत्साहित करें। मत्स्यपालन में बड़ी संभावनाएं हैं। जिले में भी इसकी बड़ी माँग है अगर स्थानीय स्तर पर ज्यादा से ज्यादा उत्पादन किया जाए तो बाजार की किसी तरह की कमी नहीं है। उन्होंने मत्स्य अधिकारी को इस संबंध में योजना बनाकर कार्य करने निर्देश दिए। 

उन्होंने कहा कि गौठानों में मुर्गीपालन जैसे कार्यों को भी बढ़ावा दिया जा सकता है। उद्देश्य यह है कि आसानी से उपलब्ध बाजार को सबसे पहले पूरी तरह दोहन किया जाए जहां अच्छी आय की संभावना हो। दूसरी ओर गौठान में अन्य आजीविकामूलक गतिविधि भी बढ़ाई जाए जैसे स्वसहायता समूह साबुन और फिनाइल आदि का उत्पादन कर रहे हैं। इनके विपणन की व्यावसायिक संभावनाएं काफी हैं। प्रशासन की ओर से सभी विभागों को निर्देश भी दिए गए हैं कि स्वसहायता समूहों द्वारा उत्पादित वस्तुओं का क्रय किया जाए। इन संभावनाओं का लाभ उठाना चाहिए और अलग-अलग गौठानों में स्थानीय जरूरतों की चीजें बनाई जानी चाहिए। आपस में समन्वय भी होना चाहिए ताकि किसी एक ही तरह के उत्पाद का निर्माण ज्यादा से ज्यादा न हो ताकि बाजार का लाभ सबको अच्छी तरह मिल पाए। उन्होंने कहा कि उत्पाद की गुणवत्ता भी बेहद महत्वपूर्ण है। लगातार ट्रेनिंग हो, इसकी गुणवत्ता का ध्यान रखें। बाजार की जरूरतों के मुताबिक उत्पाद तैयार करें। बाजार तलाशने में किसी तरह की दिक्कत आये तो मदद करें। बैंक लिंकेज में किसी तरह की परेशानी आ रही है तो इस ओर आगे बढ़े। कलेक्टर ने कहा कि गौठानों के काम को आगे बढ़ाना सबसे महत्वपूर्ण है। गौठान समिति सक्रिय और प्रभावी रूप से कार्य करें, नवाचारों को प्रेरित करें और यह देखे कि गौठान में निरंतर सुव्यवस्था बनी रहे। खाद का उत्पादन होता रहे। लगातार माॅनिटरिंग से चीजें बेहतर होती रहती हैं। 

उन्होंने गौठानों में इम्यूनाइजेशन और वेक्सीनेशन के कामों को प्रमुखता से करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा गौठान एवं चारागाह में सोलर पंप और नलकूप खनन का काम तय अवधि में पूरा हो जाए। उन्होंने खरीफ फसल के लिए खाद-बीज की उपलब्धता की जानकारी ली। बच्चों के सुपोषण के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रम की समीक्षा की और विभिन्न केंद्रों में कुपोषण की स्थिति की जानकारी ली। कलेक्टर ने सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक सभी महत्वपूर्ण विभाग के अधिकारियों को एक-एक घंटे में अपनी विभागीय योजनाओं के पाटन ब्लाक में क्रियान्वयन के बारे में पूछा। अगले तीन दिनों में धमधा और दुर्ग ब्लाक में ऐसी समीक्षा की जाएगी।

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