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पर्यटकों ने जशपुर जम्बुरी के सुंदर अनुभव को साथ लेकर चलें अपने घर, यादगार रहा जम्बुरी

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

जशपुरनगर : अंतिम दिन देश देखा के शांत और खूबसूरत वातावरण में उगते सूरज के साथ शुरू हुआ। प्रतिभागियों ने सुबह की ठंडी हवाओं के बीच सूर्योदय का आनंद लिया और महिला स्व-सहायता समूहों (SHG) द्वारा परोसे गए पारंपरिक स्थानीय नाश्ते का स्वाद लिया। वातावरण में आत्मीयता, ऊर्जा और चार दिवसीय उत्सव के प्रति गर्व की भावना झलक रही थी।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। जिसका सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहा है और जशपुर जम्बुरी सफल रहा।


कलेक्टर श्री रोहित व्यास के मार्गदर्शन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत श्री अभिषेक कुमार के दिशा-निर्देशों से पूरा कार्यक्रम सुचारू रूप से संचालित हुआ। अतिरिक्त सीईओ श्री समीर बड़ा ने भी लगातार संचालन और समन्वय में सक्रिय भूमिका निभाई।सुबह के सत्र में प्रतिभागियों ने रॉक क्लाइम्बिंग, बोल्डरिंग, रैपलिंग, ज़िपलाइनिंग और एक्वा साइक्लिंग जैसी साहसिक गतिविधियों का आनंद लिया। वहीं, कुछ प्रतिभागी मयाली पहुँचे, जहाँ उन्होंने वॉटर एडवेंचर, एटीवी राइड्स, पेंटबॉल, पैरामोटरिंग और हॉट एयर बलूनिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों में भाग लिया। मयाली बाँध और मधेश्वर पहाड़ियों की प्राकृतिक पृष्ठभूमि ने इस अनुभव को और भी यादगार बना दिया।

दोपहर में सभी प्रतिभागी एकत्र होकर सामुदायिक भोजन और समापन सत्र में शामिल हुए, जहाँ सभी ने अपने अनुभव, सुझाव और धन्यवाद साझा किए।चार दिनों के दौरान जशपुर के विभिन्न हिस्सों से लगभग 15,000 लोगों ने देश देखा और मयाली में पहुँचकर इस आयोजन का अनुभव किया। सभी 150 प्रतिभागी अत्यंत प्रसन्न और उत्साहित थे तथा उन्होंने जिला प्रशासन के इस अनोखे आयोजन की सराहना की, जिसमें साहसिक गतिविधियाँ, संस्कृति, समुदाय और सतत पर्यटन का सुंदर संगम देखने को मिला।

हमारे सहयोगी संस्थानों ने भी इस आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। ट्रिप्पी हिल्स (Trippy Hills) ने स्थल प्रबंधन, लॉजिस्टिक्स और संचालन में उत्कृष्ट सहयोग दिया, जबकि होमस्टेज़ ऑफ इंडिया (Homestays of India) ने ब्रांडिंग, प्रचार-प्रसार और संपर्क कार्यों के माध्यम से जशपुर जम्बूरी 2025 की भावना को व्यापक स्तर तक पहुँचाया। सांझ ढलते ही जशपुर की हरियाली भरी पहाड़ियों के बीच विदाई का क्षण आया। मुस्कुराहटों, आभार और नई ऊर्जा के साथ प्रतिभागियों ने इस चार दिवसीय उत्सव को यादगार पलों में समेटा कृएक ऐसा आयोजन जहाँ रोमांच ने संस्कृति से हाथ मिलाया, समुदाय ने स्थिरता का संदेश दिया, और छत्तीसगढ़ के जनजातीय हृदय की धड़कन पूरे देश ने महसूस की।

 

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