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बाल विवाह मुक्त करने चलेगा अभियान

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

कोरिया : जिले में बाल विवाह रोकने हेतु जिला प्रशासन ने अभियान को गति दी है। कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने सभी विभागों को अभियान की रणनीति के साथ विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं। जिले में लगातार निगरानी और सतर्कता के बाद बाल विवाह के प्रकरण संज्ञान में कमी आई है। जिले ने लग्न मुहर्त के मद्देनजर बाल विवाह की आशंकाओं के तहत विशेष सर्तकता बरतने के भी निर्देश दिए हैं। विभाग के निर्देशों के बाद विभागीय अमला फील्ड में निगरानी कर रहा है।

बाल विवाह में कमी लाने हेतु विभाग द्वारा समाज प्रमुखों की बैठक ली गई थी, जिसमें समाज प्रमुखों को बाल विवाह न होने के लिए दिशा निर्देश दिए गये साथ ही समाज में बाल विवाह न हो इसके लिए सभी समाज प्रमुखों को अपने स्तर पर समाजिक बैठक लेकर बाल विवाह रोकने में अपनी भुमिका निभाने का आग्रह किया गया। जिले में सास-बहु सम्मेलन कराया गया जिसमें सास-बहुओ को बाल विवाह की जानकारी प्रदान की गई एवं सपथ दिलाया गया कि बाल विवाह रोकथाम हेतु प्रयास किया जायेगा। बाल विवाह के खिलाफ व्यापक जन जागरण अभियान के तहत गांवों में मुनादी, दीवार लेखन, पाम्पलेट वितरण, रैली के माध्यम से समाज को जागरूक किया जा रहा है।

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बाल विवाह मुक्त कोरिया अभियान के तहत विभाग द्वारा सभी संबंधित विभागों, पंचायत प्रतिनिधियों और समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों से सहयोग की अपील की है। बाल विवाह की सूचना पर तत्काल बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, नजदीकी थान प्रभारी, चाईल्ड हेल्प लाईन 1098, महिला हेल्प लाईन 181 पर जानकारी देने का अनुरोध किया गया है। बाल विवाह को गंभीर कानून अपराध मानते हुए दो साल की सजा या एक लाख रूपए तक जुर्माना या दोनो प्रावधान हैं।

ग्राम पंचायत एवं नगरी निकाय को बाल विवाह मुक्त घोषित कर प्रमाण पत्र जारी करने की भी योजना बनाई गई है, जिसमें 02 नगरीय निकाय एवं 128 ग्राम पंचायतों के द्वारा ग्राम सभा में बैठक कर प्रस्ताव लाया गया कि विगत दो वर्षों में ग्राम पंचायत में बाल विवाह होना नही पाया गया है व ग्रामीणों द्वारा प्रस्ताव पर आपत्ती नहीं आई है जिससे इन पंचायतों को बाल विवाह मुक्त पंचायत बनाया जाना प्रस्तावित है। शेष पंचायतों में चरणबद्ध स्तर पर बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत बनाये जाने का प्रस्ताव लाया जाना है। बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत बनाये जाने के लिए ग्राम स्तर पर कोटवार, पटवारी, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और अन्य शासकीय अमले से सहयोग लेने के निर्देश दिए गए हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत में सभी विभाग को पंजीबद्ध कर राजस्व विभाग के समन्वय से विवाह पंजीयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। ग्राम पंचायत सचिवों, सेक्टर पर्यवेक्षकों, बाल विकास परियोजना अधिकारियों एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त किया गया है। 

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