नए विधानसभा भवन में नया विधान! धर्मांतरण कानून पर लिया जा सकता है ऐतिहासिक फैसला
रायपुर। छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा भवन में आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान ऐतिहासिक फैसला लिया जा सकता है। बता दे कि पहली बार राज्य विधानसभा की कार्यवाही नवा रायपुर के नए और अत्याधुनिक विधानसभा भवन में आयोजित की जाएगी। इसी सत्र में प्रदेश सरकार अपना पहला विधेयक – धर्मांतरण पर रोक संबंधी बड़ा कानून पेश कर सकती है।
इस बार का शीतकालीन सत्र न केवल स्थान की दृष्टि से बल्कि विधायी दृष्टि से भी विशेष रहेगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री (गृह मंत्री) विजय शर्मा ने संकेत दिया है कि सरकार “धर्मांतरण पर रोक संबंधी कानून” लाने की तैयारी में है।
यह कानून वर्तमान में लागू Chhattisgarh Freedom of Religion Act, 1968 से अधिक कठोर होगा। सरकार का कहना है कि यह प्रस्ताव उन परिस्थितियों को रोकने के लिए लाया जा रहा है, जहाँ “गरीबी, भय या प्रलोभन के कारण धर्मांतरण” किए जाते हैं। गृह मंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट किया कि प्रस्तावित कानून में “चंगाई सभाओं (faith-healing meetings)” जैसी गतिविधियों पर भी निगरानी रखी जाएगी। उनका कहना है कि, “राज्य में किसी को भी उसकी इच्छा के विरुद्ध या किसी लाभ के प्रलोभन में धर्म बदलने पर मजबूर नहीं किया जा सकेगा।”














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