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जनजातीय अंचलों में नई ऊर्जा भरेगा आदि कर्मयोगी अभियान

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

प्रमुख सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिए दिशा-निर्देश

उत्तरदायी शासन के तहत अभियान चलेगी-कलेक्टर

कोरिया जिले के 154 ग्राम होंगे लाभान्वित

कोरिया : जनजातीय समाज की बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति और योजनाओं की शत-प्रतिशत पहुंच सुनिश्चित करने प्रदेश सरकार ने आदि कर्मयोगी अभियान शुरू किया है। इसी सिलसिले में छत्तीसगढ़ शासन के आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने बुधवार को मंत्रालय स्थित सभाकक्ष से 28 जिलों के कलेक्टर्स की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक लेकर अभियान की तैयारियों की समीक्षा की।

प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रदेश के 128 विकासखंडों और 6650 आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में इस अभियान का संचालन किया जाएगा। लक्ष्य है कि इन ग्रामों में जो भी क्रिटिकल गैप है, उन्हें जिला स्तर पर आदि कर्मयोगी, ब्लॉक स्तर पर आदि सहयोगी और ग्राम स्तर पर आदि साथी की मदद से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि इस अभियान के लिए प्रदेशभर में 1.33 लाख वॉलंटियर तैयार किए जा रहे हैं, जो जमीनी स्तर पर जनजातीय समाज के बीच जाकर योजनाओं की सफलता सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने 6 अगस्त को राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में अभियान की दिशा तय करते हुए इसे 16 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक सेवा पखवाड़ा के रूप में मनाने के निर्देश दिए हैं।

कोरिया जिले में 154 ग्राम होंगे लाभान्वित
कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार कोरिया जिले के 154 ग्रामों में यह अभियान संचालित किया जाएगा। यहां के जनजातीय परिवारों को आवास, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ सरकार की 25 योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। अभियान को केयर इंडिया और स्वामी विवेकानंद एनजीओ के सहयोग से गति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जिले में विजन डॉक्यूमेंट 2030 के अनुरूप एक्शन प्लान तैयार किया गया है। इसके तहत अगले पांच वर्षों में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कौशल विकास, सामाजिक सुरक्षा, पर्यावरण, शुद्ध पेयजल, अधोसंरचना, डिजिटल सेवाओं, कृषि और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में चरणबद्ध कार्य किया जाएगा।

25 योजनाओं के क्रियान्वयन तथा ग्राम विकास की योजना
कलेक्टर ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत चयनित आदिवासी बहुल ग्रामों को शामिल किया गया है। अभियान के संचालन हेतु ग्राम स्तर पर एनजीओ, स्वयंसेवी, पंचायत प्रतिनिधि, युवा एवं सेवाभावी संगठन तैयार किए जाएंगे। ये कैडर पेंशन, आधार कार्ड, श्रम कार्ड, आयुष्मान कार्ड, आवास, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं से संबंधित करीब 25 योजनाओं के क्रियान्वयन तथा ग्राम विकास की योजना निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

उत्तरदायी शासन के तहत चलेगी अभियान
कलेक्टर ने बताया कि ‘उत्तरदायी शासन‘ यानी ‘जिम्मेदार शासन‘ या ‘जवाबदेह शासन‘ के तहत यह अभियान चलाया जाएगा। ऐसी व्यवस्था, जिसमें सरकार अपने कार्यों के लिए जनता या जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के प्रति उत्तरदायी (जवाबदेह) होती है। इस प्रकार उत्तरदायी शासन लोकतंत्र की बुनियादी पहचान है, जिसमें पारदर्शिता और जवाबदेही सबसे अहम होती है।

‘आदि कर्मयोगी सेवा अभियान’ का होगा संचालन
अभियान के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य, जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर पर चरणबद्ध रूप से आयोजित किए जाएंगे। प्रत्येक चयनित ग्राम में ’आदि सेवा केंद्र’ की स्थापना की जाएगी, जो शासकीय सेवाओं की प्रदायगी और जन भागीदारी को प्रोत्साहित करने का केंद्र बनेगा। पूरे अभियान के दौरान ‘आदि सेवा केंद्र’ के माध्यम से ‘सेवा पर्व’ और ‘आदि कर्मयोगी सेवा अभियान’ का संचालन किया जाएगा। इस कार्य में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। कलेक्टर ने बताया कि गैर शासकीय कर्मियों को ’आदि सहयोगी’ तथा शासकीय कर्मियों को ’आदि सहायक’ के नाम से जाना जाएगा। अभियान के दौरान शिकायत निवारण शिविर, जनजागरूकता अभियान तथा ’आदिवासी सेवा दिवस’ का आयोजन भी किया जाएगा।
 

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