‘बालिका सुरक्षा माह‘‘ के तहत बालिकाओं को किया जा रहा प्रशिक्षित, बाल विवाह मुक्त सूरजपुर की दिलाई गई शपथ
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सूरजपुर : छ.ग. शासन, सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देश पर राज्य में अगस्त से सितंबर तक बालिका सुरक्षा माह मनाने के निर्देश से सूरजपुर जिले में कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के मार्गदर्शन में एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री सुभम बंसल के नेतृत्व में ‘‘बालिका सुरक्षा माह‘‘ का कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम की शुरूवात शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सूरजपुर, प्रतापपुर के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लोलकी, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिलफिली एवं शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ओड़गी मे बालिका सुरक्षा पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री मनोज जायसवाल ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सूरजपुर में बालिकाओं को बताया कि बालिकाओं की सुरक्षा एवं बच्चों की सुरक्षा सबसे जरूरी है। समाज की जिम्मेदारी है कि बालिका सुरक्षित रहे इसके लिए हमें वातावरण ऐसा बनाना है जिसमें बालिकाओं और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हों। बालिकाओं को भी जागरूक रहने की जरूरत है और हमें विरोध करने आना चाहिए। यदि कोई हमें गलत तरीके से छूने का प्रयास करता है तो उसका विरोध करना चाहिए है। छ.ग. में बाल विवाह के प्रकरण हमारे जिले में सबसे ज्यादा होते है। हमारी जिम्मेदारी है कि बालिकाओं का विवाह 18 वर्ष से पहले कभी नहीं होना देने चाहिए। लड़कियों के खेलने-कुदने के उम्र में यदि उसका विवाह हो जाता है तो वह जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं कर पाती। बालिकाओं लैंगिग अपराध से बालिका का संरक्षण अधिनियम की जानकारी आवष्यक है। यदि कोई भी व्यक्ति 18 वर्ष से कम उम्र के लड़का या लड़की को गलत तरीके से छुता भी है तो यह पॉक्सो के तहत अपराध है। बालक को घुरना, पीछा करना, रास्ता रोकना, गलत तरीके से बात करना, गलत इरादे के साथ छूना भी अपराध है। इस लिए बालको को जागरूक रहने की आवश्यकता है। बालिकाओं को सेफ टच एवं अनसेफ टच के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। स्कूल के समस्त बालिकाओं को ‘‘बाल विवाह मुक्त‘‘ सूरजपुर बाल विवाह मुक्त छ0ग0 बाल विवाह मुक्त भारत का शपथ दिलाया गया। बालिकाओं को भूण हत्या के विषय में भी जानकारी दी गई, बताया गया कि एक महिला यदि ठान ले कि कन्या भुण हत्या नहीं होने देगी तो दुनिया की कोई ताकत नहीं है जो गर्भस्थ शिशु का गर्भपात करा सके। इसके लिए कडे कानुन भी बनाये गये है लेकिन लैंगिग असमानता के लिए लड़कियों को जागरूक रहना है।
कार्यक्रम में उपस्थित पर्यवेक्षक सुश्री संगीता साहू ने बालिकों को उनके शारीरिक परिवर्तन के संबंध में जानकारी दी, उन्होंने माहवारी के समय अपनी सुरक्षा के संबंध में विस्तृत जानकारी दी और बताया कि उस समय स्वच्छता को अपनाने हेतु आग्रह किया और बताया कि बालिकाओं को अपने परिवर्तन के संबंध में टीचर, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता, नर्स या 1098 में भी फोन कर सकते है।
बालिकाओं को अपने समय के नियोजन पर भी प्रशिक्षित किया गया और बताया गया कि किसी भी व्यक्ति के बहकावे में नहीं आना है हमे सिर्फ पढ़ाई करना है और अपने को दो कुल को तारना है। लड़का पढ़ता है तो एक कुल को तारता है परन्तु लडकी पढ़ती है तो दो कुल मायका और ससुराल दोनो कुल को तारती है।
कार्यक्रम में जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री मनोज जायसवाल, पर्यवेक्षक संगीता साहू, चाईल्ड लाईन से श्री रमेश साहू एवं दिनेश यादव, प्रतापपुर लोलकी में संरक्षण अधिकारी गैर संस्थागत देखरेख सुश्री प्रियंका सिंह, श्रीमती संतोषी सिंह, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिलफिली में विजेता पाण्डेय एवं शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ओड़गी श्रीमती रोशनी पाटले एवं पिली चौहान उपस्थित थे।
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