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 कोरिया : जिले के समस्त धार्मिक एवं पूजा स्थलो को प्रातः 5 बजे से रात्रि 8 बजे तक संचालित करने की अनुमति: कलेक्टर
कोरिया 09 जून : कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री एस.एन.राठौर ने राज्य षासन से प्राप्त निर्देषों एवं षर्तो के अनुरूप जिले के समस्त धार्मिक एवं पूजा स्थलों को प्रातः 5 बजे से रात्रि 8 बजे तक संचालित किये जाने की अनुमति षर्तो के अधीन दी है। उन्होनें बताया कि धार्मिक एवं पूजा स्थलों में इन षर्तो का पालन करना अनिवार्य होगा। धार्मिक एवं पूजा स्थलों के प्रवेष एवं निकासी द्वार में हैण्ड सेनेटाईजर एवं थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था, आगन्तुकों के लिये प्रवेष एवं निकास के लिए पृथक-पृथक व्यवस्था, कोरोना वायरस कोविड-19 से बचाव हेतु आवष्यक जानकारी पोस्टर, पम्पलेट, आडियो-वीडियो, क्लिप, फ्लेक्स का सार्वजनिक प्रदर्षन किया जाना अनिवार्य होगा। व्यक्ति अपने जूते एवं चप्पल वाहन पर धार्मिक स्थल के बाहर उतारकर प्रवेष करेंगे, परिसर के अंदर या बाहर प्रतिश्ठानों एवं दुकानों को सामाजिक एवं षारीरिक दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा। विषिश्ट मार्किग के द्वारा कतार का प्रबंधन, कम से कम 6 फीट की सामाजिक एवं षारीरिक दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा। लोगो को परिसर में प्रवेष करने से पहले अपने हाथ, पैर को साबुन से धोना अनिवार्य होगा, बैठक व्यवस्था में भी सामाजिक एवं षारीरिक दूरी का पालन करना होगा। एसी एवं वेन्टिलेषन सी.पी.डब्लू.डी के प्रावधानों के अनुसार 24 से 30 डिग्री तापमान एवं रिलेटिव हयूमिडिटी 40 से 70 प्रतिषत होगा।

मूर्तियों, पवित्र पुस्तकों आदि को स्पर्ष करने की अनुमति नही होगी। भारी जमाव एवं मंडली प्रतिबंधित होगी, रिकार्डेड भक्ति संगीत एवं गाने चलाने की अनुमति होगी किन्तु गायन समूह की अनुमति नही होगी। एक दूसरे से भेट के समय षारीरिक सम्पर्क से बचना होगा, सार्वजनिक मैट एवं चटाई का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। व्यक्तियों को अपने प्रार्थना की चटाई, कपड़े आदि स्वंय लेकर आना अनिवार्य होगा। धार्मिक स्थान पर जैसे-प्रसाद, फूल आदि के चढ़ावे या वितरण तथा पवित्र जल का वितरण एवं छिडकाव आदि की अनुमति नही होगी। सामुदायिक रसोई, लंगर, अन्नदान आदि में खाद्यान्न बनाते एवं वितरण करते समय सामाजिक एवं षारीरिक दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा।

उन्होनंे बताया कि षासन द्वारा जारी आदेषो एवं निर्देषों का उल्लघंन करने पर संबंधित व्यक्ति के विरूद्व आपदा प्रबधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60, भारतीय दण्ड संिहत 1860 की धारा 188 तथा अन्य सुसंगत विधिक प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जायेगी।

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