ब्रेकिंग न्यूज़

मत्स्य बीज प्रक्षेत्र बसदेई का कलेक्टर ने किया निरीक्षण

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

मत्स्य बीज उत्पादन कार्य का किया अवलोकन

सूरजपुर : शासकीय मत्स्य बीज प्रक्षेत्र बसदेई में मत्स्य बीज उत्पादन कार्य का निरीक्षण कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन एवं जिला पंचायत सीईओ श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू द्वारा किया गया। सहायक संचालक मछली पालन श्री एम.एस. सोनवानी द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 में जिले को प्राप्त लक्ष्य स्पान उत्पादन 400 लाख एवं स्टैण्डर्ड फ्राई उत्पादन 80 लाख से अवगत कराया गया। इसके विरुद्ध में वर्तमान तक 120 लाख स्पान उत्पादन, प्राप्त कर लिया गया है और आगे भी कार्य जारी है। कलेक्टर द्वारा मत्स्य बीज उत्पादन हैचरी, स्पॉनिंग पूल, इनक्यूवेशन पूल, प्रजनक पोखर, संवर्धन पोखरों का अवलोकन कर स्पॉन, फ्राई, फिंगरलिंग की उपलब्धि के संबंध में जानकारी लिया गया। सहायक संचालक ने बताया कि जिले के मछुआ सहकारी समिति, मछुआ समूह एवं व्यक्तिगत मत्स्य कृषकों को माह अगस्त के प्रथम सप्ताह में 50 प्रतिशत अनुदान पर मत्स्य बीज फिंगरलिंग वितरण करना प्रारंभ कर दिया जायेगा।

शासन द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजना के तहत पंचायत के तालाबों को 10 वर्षीय लीज पर पट्टे में लेकर मछली व्यवसाय करने वाले महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़े सदस्यों के साथ कलेक्टर द्वारा चर्चा किया गया। जहां समूह के सदस्यों ने मौसमी तालाबों में मछली का उत्पादन कम एवं आमदनी 2000 रू0 होना बताया गया जो कि काफी कम है। तालाब डबरियों में कतला, रोहू, मृगल, ग्रास कार्प, कामन कार्प मछलियों के वृद्धि हेतु कम से कम 1 से 1.50 कि0ग्रा0 होने पर ही बाजार में विक्रय करें जिससे 50000 से 100000 तक की आमदनी में वृद्धि हो सके साथ ही एन.आर.एल.एम. के तहत आजीविका गतिविधियां बढ़ाने हेतु प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत पोण्ड लाईनर निर्माण कर पंगेशियस एवं तिलापिया प्रजाति का पालन कर मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु प्रेरित किया गया। संगता सहभागी ग्रामीण विकास संस्थान को निर्देशित करते हुये कम से कम 100 किसानों को आजीविका गतिविधि से जोड़कर नारी शक्ति को बढ़ावा देने मत्स्य पालन को व्यवसायिक स्तर तक ले जाने तथा अपने पास जो संसाधन है उसको और बेहतर कैसे करें जिससे अधिक से अधिक कृषकों लाभान्वित कर सकें। इसकी कार्ययोजना तैयार करने हेतु निर्देशित किया गया।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा जानकारी दी गई कि मनरेगा योजनान्तर्गत चयनित 981 डबरियां एवं मोर गांव मोर पानी के तहत निर्मित 90 जल संरचना और अमृत सरोवर तालाबों में मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ तालाब/डबरियों के मेढ़ पर सब्जी एवं फलदार पौधे लगाने हेतु कार्य योजना तैयार किया जायेगा। संगता सहभागी ग्रामीण विकास संस्थान के फाउण्डर श्री भूपेन्द्र बहादूर सिंह एवं नेचुरल फार्मिंग जल जीवन मिशन से श्री सौरभ देवदत्त के द्वारा जानकारी दी गई कि विकासखण्ड प्रतापपुर में 391 भैयाथान में 175 एवं ओड़गी में 134 डबरियों का मत्स्य उत्पादन बढ़ाने हेतु चिन्हांकित किया गया है। जिसमें कलस्टर तैयार कर मत्स्य कृषकों द्वारा मत्स्य बीज फिंगरलिंग संचयन किया जावेगा। जिससे कृषि, बागवानी, पशुपालन के साथ-साथ मिश्रित खेती से उनके जीवन स्तर में बदलाव लाया जा सकेगा।

कलेक्टर द्वारा प्रक्षेत्र भ्रमण पश्चात् ग्राम बसदेई में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत श्री नरेंद्र सिंह द्वारा निर्मित पोंड लाइनर का अवलोकन किया गया। जहां पोंड लाइनर निर्माण, मत्स्य बीज संचयन, पूरक आहार, मत्स्य उत्पादन एवं विक्रय की जानकारी लिया गया। श्री नरेन्द्र सिंह ने बताया कि विगत वर्ष मत्स्य विक्रय से राशि 300000/- रुपये की आमदनी प्राप्त हुई। वर्तमान में 20000 नग पंगेसियस मत्स्य बीज का संचयन कर मत्स्य पालन का कार्य किया जा रहा है। भ्रमण के दौरान श्री रामलाल मरावी जनपद सदस्य, श्री मनोज सिंह सरपंच, श्री गौतम राजवाड़े उप सरपंच, श्री शिवनारायण यादव सचिव, श्रीमती माधुरी भण्डारी बी.पी.एम., श्री सुधाकर बिसेन सहायक मत्स्य अधिकारी, श्री मुकेष कुमार राजवाड़े, श्री छोटेलाल तिर्की मत्स्य जमादार, श्री सतीष तिग्गा, श्री रूकमणीरमण तिवारी मछुआ चौकीदार, कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन के अधिकारी/कर्मचारी, महिला स्वयं सहायता समूह एवं संगता एनजीओ के सदस्य, प्रक्षेत्र के कर्मचारियों के साथ-साथ ग्रामीण जन उपस्थित रहे। 

Related Post

Leave A Comment

छत्तीसगढ़

Facebook