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बेमेतरा : बिना राशनकार्ड धारी प्रवासी श्रमिको को दी जा रही है, खाद्यान्न सामग्री

बेमेतरा 09 जून :- कोरोना वायरस के चलते लाॅकडाउन होने के कारण खाने कमाने की दृष्टि से बाहर गये श्रमिकों में से छत्तीसगढ़ वापस लौटे श्रमिकों और व्यक्तियों को जिनके पास राशनकार्ड नहीं हैं या किसी भी राशनकार्ड में नाम दर्ज नहीं है उनको मुख्यमंत्री श्री भुपेश बघेल के निर्देशानुसार माह मई एवं जून के लिए 05 किलो चावल प्रति व्यक्ति प्रति माह और 01 किलो चना प्रति परिवार प्रति माह की दर से निःशुल्क प्रदाय किया जाना है। इसके लिए मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार बेमेतरा जिले के कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री शिव अनंत तायल के द्वारा जिले के सभी जनपद पंचायत कार्यालय के साथ ही नगर पालिका/पंचायत कार्यालय को ऐसे प्रवासी श्रमिकों की पहचान कर आॅनलाईन एंट्री करने के निर्देश जारी किये गए है। योजना का लाभ केवल ऐसे प्रवासी श्रमिकों को दिया जाना है, जिनका नाम किसी भी राशन कार्ड में दर्ज नही है।  

मुख्यमंत्री जी के इस निर्देश से बेमेतरा शहर के घड़ी चैक स्थित शासकीय उचित मूल्य की दुकान से सिंघौरी निवासी सुनीता यादव के 04 सदस्यीय परिवार को इस योजना के तहत निःशुल्क खाद्यान्न का लाभ प्रदान किया गया। सनीता यादव ने एक माह का 20 किलो चावल व 01 किलो चना उठाया है। राशनकार्ड नहीं होने के बावजूद सुनीता यादव के परिवार को खाद्यान्न प्राप्त होने के बाद उनके सामने अब खाने की समस्या नही होगी। उनके परिवार को माह जून के लिए और 20 किलो चावल व 01 किलो चना और मिलेगा। सुनीता यादव की तरह ही कोई भी प्रवासी श्रमिक या व्यक्ति जिसका नाम किसी अन्य राशनकार्ड में दर्ज नही है, इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेगा।

राज्य सरकार की इस योजना से बेमेतरा जिले सभी नागरिकों के चेहरे खिल उठे हैं, और उन्होंने ने इस विपरीत परिस्थिति में इस योजना के साथ साथ राज्य सरकार पर भी भरोसा जताया है। इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिको या व्यक्तियों के लिए माह मई हेतु 17.3 क्विंटल चना एवं 353.41 क्विंटल चावल साथ ही माह जून के लिए भी 01 किलो चना प्रति परिवार प्रति माह की दर से 17.3 क्विंटल चना व 05 किलो चावल प्रति व्यक्ति प्रति माह की दर से 353.41 क्विंटल चावल का आबंटन जारी किया गया है।

सरकार की इस योजना से राज्य की जनता के साथ ही बेमेतरा जिले के लोगो के चेहरे खिल उठे है। उनका कहना है कि इस कोरोना काल के विपरीत परिस्थिति में सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत सरकार द्वारा दी जाने वाली राशन सामग्री ने उनकी भोजन की समस्याओं में मददगार साबित हुई है।

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