गौ पालन में सहूलियत मिलने से आगे बढ़ रहा श्रमिक राजाराम का परिवार
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कोरिया : जरूरतमंद को समय पर मिली एक छोटी सी मदद भी उसकी राह आसान बना देती है। जनपद पंचायत मुख्यालय की ग्राम पंचायत सोनहत में रहने वाले किसान राजाराम के परिवार के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। पेशे से किसान और महात्मा गांधी नरेगा में अकुशल श्रम के लिए पंजीकृत मनरेगा श्रमिक श्री राजाराम के परिवार में उनकी पत्नी और बच्चे सहित कुल पाँच सदस्य हैं। इनकी थोड़ी सी कृषि भूमि है और उसमें परंपरागत धान की फसल लगाकर यह परिवार अपना जीवन यापन करता है। साथ ही मनरेगा के अकुशल श्रम पर निर्भर इस परिवार के पास अतिरिक्त कोई आय का साधन नहीं था।
अपने छोटे से मकान में राजाराम दो-तीन गाय पालने का कार्य भी करते थे, जिससे उनके घर का दैनिक खर्च बमुश्किल चलता रहा। अपनी आर्थिक स्थिति से संघर्ष कर रहे राजाराम के परिवार को पंजीकृत श्रमिकों को पशुपालन के लिए मिलने वाले शेड की जानकारी प्राप्त हुई। इसके बाद उन्होंने ग्राम पंचायत में आवेदन देकर पशु शेड बनाए जाने की मांग रखी।
उनके आवेदन के आधार पर ग्राम पंचायत की अनुशंसा पर कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक मनरेगा द्वारा दो साल पहले महात्मा गांधी नरेगा के तहत एक लाख बीस हजार रूपए से बनने वाले एक पशु शेड की स्वीकृति प्रदान की गई। इस कार्य के लिए ग्राम पंचायत सोनहत को ही निर्माण एजेंसी बनाया गया। शेड का कार्य लगभग तीन माह में पूरा होने के बाद राजाराम को ज्यादा संख्या में पशु पालन की सहूलियत मिल गई। इसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे कुल छह दुधारू गाय पाल ली हैं। अब उनके घर पर औसतन पंद्रह से बीस लीटर दूध का उत्पादन होने लगा है।
इससे इस परिवार के पास स्वरोजगार के साथ आर्थिक उन्नति का रास्ता बन गया है। अपने संघर्ष और उसके बाद मनरेगा की सहूलियत से आजीविका का एक नया साधन पाकर राजाराम और उनका परिवार बेहद खुश हैं और अब उनकी मनरेगा के अकुशल श्रम पर निर्भरता भी काफी कम हुई है।
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