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राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बेमेतरा जिले में होंठ एवं तालू की विकृति के 6 बच्चों का सफल इलाज
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
 
बेमेतरा : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में 0-18 वर्ष की आयु के आंगनबाड़ी और शासकीय स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण चिरायु दल द्वारा किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत होंठ एवं तालू की विकृति (ब्समजि स्पच - च्ंसंजम) से पीड़ित बच्चों का निःशुल्क इलाज भी सुनिश्चित किया गया है। होंठ एवं तालू की विकृति एक गंभीर समस्या है, जिसमें बच्चे के होंठ के एक या दोनों ओर कटाव हो सकता है। यह समस्या जन्म के समय ही दिखाई देने लगती है, जिससे बच्चे को निगलने, बोलने और कान से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। इसके साथ ही माता-पिता अपने बच्चे के भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं। इस विकृति का इलाज सर्जरी के माध्यम से किया जाता है, जिसमें होंठ की मरम्मत के लिए एक या दो सर्जरी की आवश्यकता होती है। 

पहली सर्जरी तब की जाती है जब बच्चा 3 से 6 महीने का होता है, जबकि दूसरी सर्जरी आवश्यकतानुसार 6 महीने की आयु के बाद की जाती है। जिला बेमेतरा में 1 अप्रैल 2024 से 21 जनवरी 2025 तक होंठ एवं तालू की विकृति से जुड़े कुल 6 मामले दर्ज किए गए। इनमें से 5 बच्चों का ऑपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है। एक बच्चे का वजन कम होने के कारण उसे जिला पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती किया गया है, जहां वजन बढ़ने के बाद उसका ऑपरेशन किया जाएगा। कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के नेतृत्व में विशेष प्रयास किए गए। जिले के 3 बच्चों के माता-पिता ऑपरेशन के लिए सहमत नहीं थे, परंतु कलेक्टर श्री शर्मा ने उन्हें प्रोत्साहित किया और इलाज के लाभों के बारे में परामर्श दिया। इसके बाद सभी बच्चों का सफल ऑपरेशन किया गया। होंठ एवं तालू की विकृति का ऑपरेशन पूरी तरह से सुरक्षित है और जिला प्रशासन द्वारा इसके प्रति जागरूकता फैलाने के साथ-साथ बच्चों के माता-पिता को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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