न्योता भोजन: सामुदायिक भागीदारी की अनूठी पहल
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बेमेतरा : छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत विद्यार्थियों को गर्म और पौष्टिक भोजन प्रदान करने की दिशा में सामुदायिक भागीदारी ने एक अभिनव पहल की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, राज्य के विद्यालयों में सामुदायिक आधार पर भोजन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को ‘न्योता भोजन’ नाम से लागू किया गया है। यह भारतीय संस्कृति की सामूहिकता और परोपकार की परंपरा का जीवंत उदाहरण है।
छत्तीसगढ़ के मुख्य मंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अपने गृह ग्राम बगिया में न्योता भोज कार्यक्रम की शुरुआत की थी। जिसमें स्कूली बच्चों को भोजन करवाया गया था। लेकिन मुख्यमंत्री की इस छोटी सी पहल ने अब बड़ा रूप ले लिया है। जिसके तहत बेमेतरा जिले की बात करें तो 1000 से अधिक बार न्योता भोजन का आयोजन किया जा चुका है और यह कार्यक्रम लगातार जारी है।
न्योता भोजन की अवधारणा
न्योता भोजन का विचार भारतीय समाज की पुरातन परंपरा से प्रेरित है, जिसमें त्यौहार, विवाह, जन्मदिन, वर्षगांठ या अन्य सामाजिक आयोजनों पर लोगों को भोजन करवाने की प्रथा है। इस पहल के तहत, विद्यालयों में समुदाय के लोग, सामाजिक संस्थाएं, और सरकारी अधिकारी-कर्मचारी विशेष अवसरों पर विद्यार्थियों के लिए पौष्टिक भोजन का आयोजन करते हैं। इसका उद्देश्य बच्चों के पोषण स्तर को सुधारने के साथ-साथ उनमें सामाजिकता और सहभागिता की भावना विकसित करना है।
बेमेतरा जिले की सफलता
बेमेतरा जिले के 1164 प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में से 1000 से अधिक स्कूलों में यह पहल सफलतापूर्वक संचालित हो रही है। 743 प्राथमिक शालाओं और 388 मिडिल स्कूलों में न्योता भोज का आयोजन किया जा चुका है। इन स्कूलों में 92525 विद्यार्थियों को भोजन अवकाश के दौरान गर्म और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया गया है। इस प्रक्रिया में भोजन कराने वाले लोग स्वयं बच्चों के साथ बैठकर भोजन ग्रहण करते हैं, जिससे बच्चों के साथ उनका भावनात्मक जुड़ाव बढ़ता है।
सामुदायिक भागीदारी का महत्व
न्योता भोजन की सफलता सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। यह पहल न केवल बच्चों को पोषण प्रदान करती है, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करने में भी सहायक है। सरकारी अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, और स्थानीय लोग अपने निजी अवसरों पर बच्चों के साथ भोजन कर उनकी खुशी में शामिल होते हैं। यह प्रयास बच्चों में समाज के प्रति अपनापन और सहयोग की भावना विकसित करता है।
पोषण और शिक्षा का समन्वय
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत लागू न्योता भोजन कार्यक्रम बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। पौष्टिक भोजन बच्चों की शिक्षा में भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। बेहतर पोषण के कारण उनकी सीखने की क्षमता और शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार होता है।
भारतीय संस्कृति का प्रतिबिंब
न्योता भोजन भारतीय संस्कृति और परंपराओं का अद्भुत उदाहरण है। यह पहल दिखाती है कि हमारी प्राचीन परंपराएं आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। सामूहिक रूप से बच्चों को भोजन करवाना न केवल उनकी भौतिक आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि सामाजिक समरसता का भी संदेश देता है।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ के स्कूलों में न्योता भोजन जैसी पहल सामाजिक और शैक्षिक क्षेत्र में एक सकारात्मक परिवर्तन का प्रतीक है। यह पहल समुदाय, सरकार, और समाज के अन्य वर्गों के सहयोग से बच्चों के भविष्य को मजबूत बनाने की दिशा में एक सफल कदम है। यह न केवल पोषण प्रदान करती है, बल्कि बच्चों के भीतर सामाजिक मूल्यों और सहभागिता की भावना को भी बढ़ावा देती है। ऐसी पहलें अन्य राज्यों और क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणादायक हैं और समाज को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
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