ब्रेकिंग न्यूज़

मुख्यमंत्री श्री साय को राज्य स्तरीय भव्य पंथी नृत्य प्रतियोगिता के लिए मिला न्योता

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

खाद्य मंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में सतनामी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात
 
नवागढ़ में 19 से 21 दिसंबर तक होगी भव्य पंथी नृत्य प्रतियोगिता
 
देश के विभिन्न राज्यों के नर्तक दल लेंगे हिस्सा
 
बेमेतरा : राज्य स्तरीय पंथी नृत्य प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश के विभिन्न राज्यों के पंथी नर्तक दल हिस्सा लेंगे। यह प्रतियोगिता बेमेतरा जिले के विकासखण्ड मुख्यालय नवागढ़ में 19 से 21 दिसंबर तक आयोजित की जाएगी। खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल के नेतृत्व में सतनामी समाज प्रमुखों के दल ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से उनके निवास कार्यालय में भेंट कर उन्हें प्रतियोगिता में शामिल होने का न्योता दिया।
 
मुख्यमंत्री ने श्री साय ने निमंत्रण को सहर्ष स्वीकार करते हुए जयंती कार्यक्रम में शिरकत करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री श्री साय को प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि परम पूज्य गुरु घासीदास बाबा जी के 268 वीं जयंती के उपलक्ष्य में आगामी माह दिसंबर मे जयंती मनाने राज्य स्तरीय पंथी नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। 

सभी समाज के लोगों से आपसी प्रेम और सौहार्दपूर्ण वातावरण में इस आयोजन को सफल बनाने का अनुरोध किया गया है। देश के विभिन्न राज्यों के पंथी नर्तक दलों को प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा रहा है। आयोजन में सहयोग देने वाले सभी समाज के लोगों को सम्मानित करने की भी योजना है।
 
इस मौके पर प्रतियोगिता का स्वरूप, एवं आयोजन समिति, सुरक्षा समिति सहित अन्य व्यवस्था की भी जानकारी दी गई। इस अवसर पर गुरु श्री आसमदास जी (तेलासी पूरी थाम) पूर्व विधायक श्री रामजी भारती, पूर्व विधायक डॉ. सनम जांगड़े, पद्मश्री श्रीमती उषा बारले सहित समाज के अन्य प्रतिनिधि शामिल थे।

देश-विदेश में मशहूर है पंथी नृत्य
 
देश-विदेश में मशहूर है छत्तीसगढ़ का पंथी नृत्य। यह छत्तीसगढ़ के सतनामी समुदाय का पारंपरिक नृत्य है। इस नृत्य में बाबा गुरूघासीदास जी के संदेशों को गीतों और नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। यह वस्तुतः एक धार्मिक और आध्यात्मिक नृत्य है। यह नृत्य सामूहिक अराधना की तरह है।
 
इस नृत्य की विशेषता मांदर की थाप और मंजीरे की झांझ में तेज गति से नर्तक नृत्य प्रस्तुत करते है। तेज गति से प्रस्तुत किए जाने वाले इस नृत्य से दर्शक रोमांचित हो उठते हैं। पंथी नृत्य में कई वाद्ययंत्रों का इस्तेमाल होता है, जैसे मांदर, झांझ, झुमका, मंजीरे, चिकारा, हारमोनियम, और बैंजो आदि शामिल होता है।

Related Post

Leave A Comment

छत्तीसगढ़

Facebook