बेमेतरा : टिड्डी दलों के संबंध में कृषि महाविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा का संयुक्त अलर्ट
बेमेतरा 30 मई : राजस्थान, मध्यप्रदेश के रास्ते छत्तीसगढ़ के बेमेतरा, कबीरधाम जिले में पाकिस्तान से टिड्डी दल का प्रवेश होने की आशंका है। इस टिड्डी दल के छत्तीसगढ़ मंे 2-3 दिन के अंदर आने की संभावना है, अतः मामले की गंभीरता को समझते हुए कृषि महाविद्यालय बेमेतरा के अधिष्ठाता डाॅ. के.पी. वर्मा, प्रोफेसर (कीटविज्ञान) डाॅ. भारती बघेल एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डाॅ. जी.पी. आयम एवं कीट वैज्ञानिक डाॅ. एकता ताम्रकार द्वारा कृषक भाईयों को सलाह दी गई है। ताकि फसलों का नुकसान कम से कम हो या नुकसान से बचा जा सके। यह टिड्डी दल किसानों का पुराना शत्रु है, इनका जीवनकाल 40-85 दिनांे का होता है। बढ़ते हुए तापमान के कारण उनकी संख्या में तेजी से वृद्धि होती है। यह टिड्डी दल अपने रास्ते में आने वाले समस्त फल-फूल, पत्ते, बीज, पेड़ की छाल सब कुछ खा जाते है। टिड्डियों का दल सुबह 10ः00 बजे के बाद एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते है।
अतः दूसरे जगह पर जाने से इनको रोकना अत्यंत आवश्यक हैै। इसलिए जहाॅ टिड्डियाॅ रात्रि वि़़श्राम करें उन्हें मच्छरदानी या नेट डालकर पकडकर नष्ट किया जा सकता है। साथ ही कृषक भाईयों को टोली बनाकर परम्परागत तरीके से ढ़ोल, नगाड़े, ताली, थाली व टीपा बजाकर शोर उत्पन्न कर टिड्डियों के समूह को भगाया जा सकता है। इसके अलावा 100 ग्राम धान की भूसी को 0.5 किग्रा फेनीट्रोथियाॅन ओर 5 किग्रा. गुड़ के साथ मिलाकर खेत में डालें इस जहर से वे मर जायेंगे एवं इनके अण्डों को नष्ट करने के लिए के लिए खेत एवं मेंढ़ों पर 25 किग्रा. मेलाथियाॅन 5ः या 1.5ः क्विनालफाॅस को पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। उपरोनुसार उपाय करके किसान भाई टिड्डी दलों के आक्रमण से फसल की सुरक्षा करें।
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