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 गरियाबंद : लॉकडाउन में मनरेगा बना श्रमिकों का सहारा : जिले के 1.06 लाख श्रमिकों को मिल रहा रोजगार
गरियाबंद : कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के गरियाबंद जिले में प्रतिदिन एक लाख 6 श्रमिकों को काम मिल रहा है । मजदूरों को गांव में रोजगार उपलब्ध कराने में सबसे बड़ी भूमिका अदा करने वाली योजना मनरेगा के तहत आज जिला गरियाबंद के 313 ग्राम पंचायतों में चल रहे एक हजार 882 कार्यों में एक लाख 6 हजार 856 श्रमिक कार्यरत है, जिला गठन के बाद पहली बार एक ही दिन में एक लाख से अधिक मजदूर कार्य कर रहे हैं। कार्य स्थल में सोशल डिस्टेंसिंग और एक मीटर की दूरी के नियमों का पालन भी किया जा रहा है।

कोरोना के संकट में शासन द्वारा मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार के प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा दिये गये निर्देश के अनुरूप जिले में रोजगार का सृजन किया जा रहा है। इससे मजदूरों को काम के साथ-साथ आमदनी भी मिल रहा है। संकट के इस दौर में मनरेगा ग्रामीण मजदूरों के लिए सहारा बना है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के अनुसार जिले में मनरेगा का क्रियान्वयन प्राथमिकता से किया जा रहा है। जिला में इस सत्र में 63 लाख 27 हजार 337 मानव दिवस का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें से  14 लाख 53 हजार 504 मानव दिवस अर्जित कर लिया गया है। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी कार्यक्रम अंतर्गत कुल 127 गौठान का निर्माण किया जा रहा है। प्रथम चरण के 48 गौठान को पूर्ण कर लिया गया है। जिसमें 43 हजार 865 मवेशी रह रहे हैं। द्वितीय चरण में 77 गौठान बनाये जायेंगे। इसी तरह घुरूवा योजना के तहत 5 हजार वर्मी नाडेप और कम्पोस्ट पिट बनाये जायेंगे।
 

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