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 कोरिया : टिड्डे के नियंत्रण हेतु जिला स्तर पर गठित निगरानी दल 24*7 घण्टे सक्रिय

सीमावर्तीय प्रदेष के रास्ते जिले में प्रवेष कर फसलों को नुकसान पहुंचाने की संभावना

कोरिया 29 मई :  कृषि विभाग के उप संचालक ने आज यहां बताया कि जिले में टिड्डा दलों (स्वबनेज ैूंतउ) के निगरानी एवं नियंत्रण हेतु विषेश प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि टिड्डा दलों ( स्वबनेज ैूंतउ ) के सीमावर्तीय प्रदेष के रास्ते जिले में प्रवेष कर फसलों को नुकसान पहुंचाने की संभावना है। यह झुंड बनाकर प्राकृतिक वनस्पति और उगाई हुई फसलों को क्षति पहुंचाती है। इसकी गति 80 से 150 किमी. प्रति दिन होती है। टिड्डी दल सायं काल में 6 से 9 बजे तक खेतों में झुंड में रहते हैं।

टिड्डी दलों द्वारा कई प्रदेषों जैसे राजस्थान, महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेष में व्यापक रूप से फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जिले में टिड्डे का प्रकोप दिखाई देने पर किसान भाई इसके रोकथाम के लिये मेलाथियान, फेनवलरेट, क्यूनालफास, क्लोरोपायरिफास, डेल्टमेथ््िरान, फिप्रोनिल, लेमडासायक्लोथ्रिन आदि कीटनाषक का प्रयोग कर सकते हैं। साथ ही इसके नियंत्रण हेतु तेज आवाज करने वाली पटाखे, ढोल नगाडे, थाली, टीना आदि के माध्यम से अधिक से अधिक ध्वनि कर टिड्डों को भगाया जा सकता है। टिड्डों की जानकारी मिलने पर नजदीकी कृषि विभाग एवं जिला स्तर पर गठित निगरानी दल को दूरभाष क्रमांक 07836-232214 पर सूचना दे सकते हैं। टिड्डे के नियंत्रण हेतु जिला स्तर पर गठित निगरानी दल 24*7 घण्टे सक्रिय हैं। कृषि विभाग का मैदानी अमला भी टिड्डी दल की उपस्थिति को लेकर लगातार निगरानी कर रहे हैं।

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