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 बेमेतरा : उभरती चुनौती टिड्डी दलों का आक्रमण

बेमेतरा 27 मई : बेमौसम बारिश व ओला वृष्टि से पहले ही किसान भाईयों की फसल चैपट हो चुकी है। अभी तक वे नुसकसान से ऊबर नहीं पाये हैं, अब एक नया खतरा टिड्डी दलों के रूप में सामने आ रहा है। राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश में टिड्डी दलों ने काफी नुकसान पहुॅचाया है। अतः कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख श्री जी.पी. आयम तथा डाॅ. एकता ताम्रकार कीट वैज्ञानिक के द्वारा मामले की गंभीरता को समझते हुए अलर्ट जारी किया गया है कि टिड्डी दलों के आक्रमण से सजग रहें। अपने खेत की सत्त निगरानी करें। यह देखा गया है कि टिड्डियाॅ रात्रि के समय झुण्ड में विचरण करती हैै तथा फसलों को नुकसान पहुॅचाती है। एक दल में इसकी संख्या लाखो में होती है। अतः किसान भाई रात्रि के समय एक बर्तन में पानी$मिट्टी तेल डालकर रखें और सुबह देखें अगर उसमें टिड्डियाॅ दिखाई दे रही है तो सुरक्षा हेतु उपाय अपनाने आवश्यक है।

टिड्डी दल के प्रकोप होने पर निम्नानुसार उपाय करें-किसान भाई समूह में परंपरागत उपाय जैसे ढोल, नगाड़े, टिपा, थाली आदि बनाकर शोर मचायें, आवाज सुनकर टिड्डे भाग जाते हैं। शाम के समय क्लोरपायरिफाॅस 20 ई.सी. 200 मिली. या लेम्डासाईहेलोथ्रिन 5 ई.सी. 400 मिली. या डाइफ्लूबेन्जूसन 25 डब्ल्यू पी. 240 ग्राम प्रति हेक्टे. 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

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