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नेशनल लोक अदालत में 45293 लंबित मामलांे का निराकरण एवं  7,27,30,853 रूपये के अवार्ड पारित

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

23 खण्डपीठांे का गठन कर किया गया मामलों का निराकरण
 
महासमुंद : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, महासमुंद के सचिव, श्री दामोदर प्रसाद चन्द्रा द्वारा जानकारी दी गई कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के अध्यक्ष एवं प्रधान जिला न्यायाधीश, श्रीमती अनिता डहरिया के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व के अधीन आज शनिवार को जिला न्यायालय महासमुंद एवं तहसील पिथौरा, सरायपाली, बसना और बागबाहरा स्थित सिविल, श्रम न्यायालय एवं राजस्व न्यायालयों सहित कुल 23 खण्डपीठांे का गठन कर नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।
 
नेशनल लोक अदालत की उक्त सभी खण्डपीठों में श्रमिक विवाद, बैंक  रिकवरी प्रकरण, विद्युत एवं देयकांे के अवशेष बकाया की वसूली और राजीनामा योग्य अन्य मामले के बकाया की वसूली संबंधी प्री-लिटिगेशन मामले, राजस्व न्यायालयों से संबंधित प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गये थे।
 
उक्त मामलों के अलावा राजीनामा योग्य दांडिक प्रकरण, परक्राम्य लिखत अधि0 की धारा-138 के अधीन परिवाद पर संस्थित मामले, मोटर दुर्घटना दावा संबंधी मामले तथा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा-135 (क) के तहत विद्युत चोरी के मामले तथा सिविल मामले भी नियत किए गए थे। उक्त खण्डपीठों में उपरोक्त सभी मामलों की सुनवाई करते हुए जिला महासमुंद स्थित विभिन्न न्यायालयों में प्रकरणों का निराकरण किया गया।       
इसी प्रकार प्री-लिटिगेशन संबंधित मामलों में विभिन्न बैंकों रिकव्हरी के कुल 3062 प्रकरण, विद्युत संबंधित 6558 प्रकरण, नगर पालिका एवं नगर पंचायतों के सम्पति कर व जल कर के एक तथा श्रम विभाग से संबंधित 196 प्रकरणों के निराकरण किया गया। जिले के सभी तहसील एवं अनुभाग क्षेत्रों के राजस्व न्यायालयों के माध्यम से 33394 प्रकरणों का निराकरण किया गया है।
 
जिला एवं तहसील स्थित न्यायालयों में लंबित सिविल वाद, दांडिक मामलांे, मोटर दुर्घटना दावा, चेक अनादरण के प्रकरण, इत्यादि के 2083 मामलों में सुनवाई पश्चात् सुलह एवं समझौता के आधार पर निराकरण किया गया और उनमें रूपये 5,72,12,685 की राशि के आवार्ड पारित किए गए।
 
विदित हो कि आज 13 जुलाई को पूरे देश भर मंे माननीय उच्चतम न्यायालय से लेकर तहसील स्तर तक के न्यायालयों में एक साथ हाईब्रिड नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसके सफल आयोजन हेतु विगत कई माह से अनवरत तैयारी की जा रही थी और पक्षकारों को नियत सुनवाई दिनांक के पूर्व राजीनामा हेतु नोटिस प्रेषित कर प्री-सीटिंग कर राजीनामा करने हेतु प्रोत्साहित किया गया था। नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन में महासमुंद अधिवक्तागण एवं न्यायालय के कर्मचारियों का अभूतपूर्व सहयोग प्राप्त हुआ।      

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