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सफलता की कहानी दाम्पत्य जीवन एक साथ निर्वाह करने हुए सहमत

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

आपसी सुलह एवं समझौते के आधार पर किया गया प्रकरण का निराकरण
 
महासमुंद : आज जिला मुख्यालय महासमुंद के जिला न्यायालय में अयोजित नेशनल लोक अदालत में खंडपीठ क्रमांक-02, के समक्ष दामपत्य जीवन निर्वाहन के पुनस्थापन संबंधित मामला जो कि वर्ष 2022 से लंबित था। जिसमें पीठासीन अधिकारी श्री प्रफुल्ल कुमार सोनवानी द्वारा समझाईश दिया गया जिससे प्रेरित होकर दोनों दंपत्ति एक साथ रहने के लिए सहमत होेते हुए अपना दाम्पत्य जीवन एक साथ निर्वाह करने हेतु तैयार हो गया। उक्त प्रकरण सरायपाली थाना अंतर्गत ग्राम कोसमपाली निवासी उर्मिला उम्र-21 वर्ष (परिवर्तित नाम) का है, जिसका विवाह बानीगिरोला निवासी हरिचंद (परिवर्तित नाम) उम्र-24 वर्ष के साथ रिती रिवाजो के साथ 17 फरवरी 2021 में हुआ था।
 
शादी के बाद एक वर्ष तक दोनों दाम्पत्य जीवन अच्छा था, बाद में उसके पति द्वारा गाली-गलौज, दहेज एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। जिससे वे दोनो 25 मार्च 2022 से अलग-अलग रह रही था। बाद में प्रकरण कोर्ट में वर्ष 2022 से लंबित था। जिसे आज 13 जुलाई को आयोजित नेशनल लोक अदालत के खंडपीठ के माध्यम से समझाईश एवं आपसी सुलह के माध्यम से निराकरण किया गया। इस प्रकार उक्त प्रकरण न्यायालय में लंबित ना होकर दोनों की आपसी सहमति से प्रकरण में राजीनामा के आधार पर निराकृत किया गया।   
 
इसी प्रकार सरायपाली स्थित न्यायालय के खंडपीठ अधिकारी-श्रीमती नमिता मिंज भास्कर के न्यायालय में लक्ष्मीधर दास विरूद्ध राधादास के दाण्डिक प्रकरण क्रमांक 689/2024 के अपराध धारा-294, 323, 506 भादवि का प्रकरण पति पत्नी के मध्य आपसी घरेलू विवाद होकर मारपीट हो जाने के संबंध में प्रकरण न्यायालय में लंबित था। लोक अदालत के माध्यम से प्रकरण के प्रार्थी द्वारा अपने पति लक्ष्मीधर दास के साथ आपसी राजीनामा कर सुलह समझौता कर लिया गया तथा दोनों साथ रहने के लिए हंसी खुशी राजी हुए।
 
इसी तरह एक और मामला दाण्डिक प्रकरण क्रमांक 239/2023 अपराध धारा 294, 323, 506 भादिव तथा प्रकरण क्रमांक 830/2022 शासन विरूद्ध ललीत व अन्य के प्रकरण जिसमें विवाद होकर मारपीट हो जाने के संबंध में प्रकरण न्यायालय में लंबित था। उक्त प्रकरणों नेशनल लोक अदालत के अवसर पर तालुका सरायपाली स्थित न्यायालय के खंडपीठ के माध्यम से पीठासीन अधिकारी द्वारा आपसी सुलह मशवर्रा के माध्यम से राजीनामा के आधार पर प्रकरण का निराकरण किया गया।  
 

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