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1 जुलाई 2024 से लागू नवीन अधिनियम पर उप जेल बेमेतरा में आयोजित हुई कार्यशाला
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
 
बेमेतरा : सम्पूर्ण भारत में 01 जुलाई 2024 से लागू नवीन अधिनियम के प्रावधानों से अभिरक्षाधीन बंदियों को अवगत कराये जाने हेतु जिला जेल में कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि, श्री गुलापन राम यादव, व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी, श्रीमती अनिता कोशिमा रावटे, व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी, श्रीमती निधि शर्मा, व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री दिनेश तिवारी, चीफ लीगल एड डिफेंस कॉउन्सिल थे।
 
न्यायाधीश श्री गुलापन राम यादव, द्वारा बंदियों को उनके अधिकारों के बारे में बताया गया और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के प्रावधानों के बारे में बताते हुए नवीन कानून के तहत् पुलिस अधिकारियों के द्वारा विवेचना के दौरान साक्ष्य संकलन / जप्ती के समय वीडियोग्राफी किये जाने का प्रावधान आवश्यक किया गया है। यह भी बताया कि भारतीय न्याय संहिता में माब लिचींग अर्थात् भीड़ के द्वारा हिंसा या अपराध कारित किया जाना भी दण्ड की श्रेणी में रखा गया है। न्यायाधीश श्रीमती अनिता कोशिमा रावटे, द्वारा व्यक्त किया गया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत् विवेचना उपरांत अभियोग पत्र प्रस्तुति हेतु 60 दिन की समय-सीमा निर्धारित की गई है, जिससें आगामी प्रस्तुत होने वाले प्रकरणों का शीघ्र निराकरण किया जा सकेगा। 

उनके द्वारा यह भी बताया गया कि नवीन कानून में मृत्युदण्ड से दंडित अपराधियों को राज्यपाल / राष्ट्रपति के समक्ष याचिका प्रस्तुत करने का भी प्रावधान है। सचिव श्रीमती निधि शर्मा, द्वारा नवीन कानून के प्रावधान अनुसार ऑनलाईन एफ.आई.आर. दर्ज किये जाने के बारे में बताया गया, यह भी बताया गया कि भारतीय दण्ड संहिता में उल्लेखित महिलाओं के विरुद्ध अपराधों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अध्याय 5 में संकलित किया गया है। नालसा की योजनाओं से अवगत कराते हुए 13 जुलाई को आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के संबंध में बताया गया।
 
अधिवक्ता श्री दिनेश तिवारी, द्वारा विचाराधीन बंदियों को यह भी बताया गया है कि न्यायालय में लंबित उनके मामलों की पैरवी किये जाने हेतु निःशुल्क अधिवक्ता की सहायता उपलब्ध है। उनके द्वारा नवीन कानून में परिवर्तित हुई धाराओं और उनके प्रावधानों से बंदियों को अवगत कराया गया। उनके द्वारा यह भी व्यक्त किया गया कि अपराधियों के द्वारा क्षणिक आवेश में आकर अपराध कारित कर दिया जाता है।

परन्तु उनसे यह अपेक्षा की गई कि वह अपनी सजा भुगतने या मामले की समाप्त होने पर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने का भरपूर प्रयास करेंगे। उक्त कार्यशाला में श्री मोतीलाल वर्मा, डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस कॉउसिल, श्री अमन दुबे एवं सुश्री गीता दास, सहायक लीगल एड डिफेंस कॉउन्सिल, जेल अधीक्षक श्री दिनेशचन्द्र ध्रुव, मुख्य जेल प्रहरी श्री दीनदयाल ध्रुव, श्री संत पुरैना, श्री मनीराम पैकरा सहित प्राधिकरण के पैरालिगल वॉलिटियर्स श्री चेतन साहू, श्री पंकज घृतलहरे, श्री टुवेन्द्र वर्मा, श्री तरूण आंनद की उपस्थिति रही।
 

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