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महतारी वंदन योजना से ममता देवार को मिल रहा सहारा
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
 
विषम परिस्थिति में काम आ रही योजना से मिली राशि
 
महासमुंद : जहां आमतौर पर महिलाओं को आर्थिक रूप से परिवार के पुरूषों पर निर्भर रहना पड़ता है वही छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना महिलाओं को अब आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही है। इसकी एक मिशाल जिला मुख्यालय महासमुंद के दलदली रोड वार्ड क्रमांक 11 की निवासी ममता देवार की जिंदगी में आए बदलाव को देखने से मिलती है। ममता एक अंत्योदय परिवार से ताल्लुक रखती हैं। जो शहरो में प्लास्टिक कचरे इकट्ठा कर कबाड़ी का व्यवसाय कर अपने परिवार का पालन पोषण करती है।
 
ममता बताती है कि रोजी रोटी के लिए उन्हें प्रतिदिन चाहे कड़ी धूप हो या बरसात के बेरंग मौसम किसी भी विषम परिस्थितियों में उन्हें काम के लिए बाहर निकलना ही पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस समय परिवार के लिए एक वक्त की रोटी, घर के चूल्हे का जलना कठिन हो गया है। 

परिवार के भरण पोषण के लिए उन्हें प्रतिकूल परिस्थितियों में भी मेहनत करना पड़ता है। वे अपने बीते विषम परिस्थतियों के बारे में भावुक होकर बतायी कि कचरा उठाते समय सड़क पर ट्रक से भिंड़त होने पर उनके दोनों पैर टूटने के बाद पैरो में रॉड लगे हुए है, जिसका ईलाज आज भी चल रहा है। ऐसे में अपने घर चलाने एवं स्वयं के स्वास्थ्य की चिंता लगी रहती थी। महिला एवं बाल विकास विभाग के लोक कल्याणकारी एवं महिला सशक्तिकरण को उत्प्रेरित करने वाली महतारी वंदन योजना के तहत हर माह एक हजार रुपए की राशि उनके खाते में पहुंच रही है।
 
ममता देवार ने इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि मोदी की गारंटी की भी गारंटी है आज मेरे बैंक खाते में प्रतिमाह एक हजार रुपए मिल रही है। अब तक चार माह की राशि मेरे खाते में पहुंच चुकी है। जो विषम परिस्थिति में मेरे लिए वरदान है। जिसके लिए उन्होंने राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया।
 

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