जशपुरनगर : लॉकडाउन में मनरेगा का कार्य शुरू होने से ग्रामीणों में उत्साह
जिले के 416 ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्यों से 80 हजार 359 मजदूरों को रोजगार
लॉकडाउन में मनरेगा बना ग्रामीण मजदूरों के लिए आजीविका का साधन, कार्यस्थल पर फिजिकल डिस्टेंस का हो रहा पालन
मनरेगा के तहत भूमि सुधार, तालाब-कुआ निर्माण, गोठान, नाला बंधान के कार्यों से ग्रामीणों को मिल रहा गांव में ही रोजगार
जशपुरनगर 26 मई : नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण राज्य शासन द्वारा कोरोना वायरस जैसी वैष्विक महामारी के चलते प्रभावशील लॉकडाउन से जहां ग्रामीणों के आय के सभी साधन बन्द हो गये है, वहीं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कार्य प्रारंभ होने से ग्रामीण मजदूरों को राहत मिली है। कलेक्टर श्री निलेष कुमार महादेव क्षीरसागर के मार्गदर्षन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जषपुर श्री के. एस. मण्डावी के निर्देषन में ग्रामीण लोगों की आर्थिक मदद के लिए शासन द्वारा बड़े पैमाने पर मनरेगा के कार्य प्रारंभ किए गए है। जिनमें व्यक्ति मूलक और आजीविका संवर्धन से संबंधित कार्यों को शामिल है। जिसके अंतर्गत सार्वजनिक एवं निजी भूमि पर किये जाने वाले कार्य जैसे भूमि समतलीकरण, डबरी निर्माण, नवीन तालाब निर्माण, तालाब गहरीकरण, कुंआ निर्माण, सीपीटी निर्माण, नाला सफाई, भू-नाडेफ, प्रधानमंत्री आवास इत्यादि कार्य के साथ ही प्रदेष सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बारी से संबंधित कार्य शामिल हैं।


मनरेगा के कार्यो में मजदूरों द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के लिए शासन द्वारा जारी दिषा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है। कार्य स्थल पर सभी श्रमिको को रोजगार सहायक एवं सचिव द्वारा कोरोना महामारी से बचाव के लिए जागरूक किए गए है एवं मजदूरों द्वारा मास्क का उपयोग फिजिकल डिस्टेंस के साथ ही अन्य सावधानियां बरतने की निगरानी उनके द्वारा की जा रही है। श्रमिकों द्वारा कार्यस्थल पर नियमित रूप से फिजिकल डिस्टेंस को ध्यान मे रखकर निश्चित दूरी बनाते हुए विभिन्न हितग्राही मूलक कार्य किया जा रहा हैैै। मजदूर कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के तौर पर चेहरे पर मास्क, गमछा या रूमाल बांधकर कार्य करते हैं।

जिले में लॉकडाउन में ढील होने के बाद से मनरेगा के कार्यो में तेजी आने से लोगों ने बड़ी राहत महसूस की है। वे कार्य प्रारम्भ किये जाने से बहुत प्रसन्न एवं उत्साहित हैं। उनका कहना है कि लॉकडाउन जैसी विषम परिस्थिति में वे कहीं बाहर काम करने नही जा सकते थे। ऐसे में पंचायत स्तर पर ही मनरेगा कार्य प्रारंभ हुए है। ग्रामीण क्षेत्रों में जल संग्रहण व सिंचाई के लिए डबरी-तालाब निर्माण, कुआं निर्माण, नाला बांधान इत्यादि कार्य प्रारम्भ होने से मजदूरों की आर्थिक तंगी दूर होने के साथ ही आम लोगों को सिंचाई एवं घरेलू कार्य के लिए पानी की पर्याप्त व्यवस्था भी मिल पाएगी।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा मनरेगा के कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग किया जा रहा है। उन्होनें मनरेगा के कार्यां में मजदूरी भुगतान समय पर किये जाने के निर्देष सभी सभी जनपद सीईओ, पी.ओ. मनरेगा को दिए है वहीं कहीं-कहीं स्वसहायता समूह की बीसी सखियों या बैंक दीदी के द्वारा कार्यस्थल पर ही मनरेगा मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। जिससे आम लोगों को राहत व सुविधा मिल रहा है। उन्होंने सभी जनपद सीईओ से कहा है कि सभी पंचायतों में मनरेगा के तहत् पर्याप्त कार्य स्वीकृत किए जाए, जिससे ग्रामीण लोगों को रोजगार के पर्याप्त अवसर मिल सके।
जिला पंचायत एपीओ से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के 8 विकासखण्डों के कुल 416 ग्राम पंचायतों में 2906 कार्य प्रगतिशील हैं। जिनमें 80359 मजदूर कार्यरत है। जिनमें विकासखंड जषपुर के 44 ग्राम पंचायतों के संचालित 261 कार्यो में 8395 मजदूरों को रोजगार मिले है। इसी प्रकार मनोरा के 39 ग्राम पंचायतो के 403 कार्यो में 7792, बगीचा के 76 ग्राम पंचायत में संचालित 562 कार्यो में 16472, दुलदुला के 30 ग्राम पंचायतो के 258 कार्यो में 6602, कुनकुरी के 50 ग्राम पंचायतों के 269 कार्यो में 10431, कांसाबेल के 37 ग्राम पंचायत के 298 कार्यो में 9191, फरसाबहार के 58 ग्राम पंचायत के 412 कार्य में 10387 एवं पत्थलगांव के 82 ग्राम पंचायतों में जारी 443 कार्यो में 11089 ग्रामीण मजदूरों को रोजगार मिले है। अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत मजदूरों को 27 करोड़ 94 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। है। इससे इन मजदूरों के सामने रोजी-रोटी की चिंता दूर हुई है। मनरेगा के कार्य प्रारंभ होने से ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति बेहतर होने के साथ ही उनकी सामान्य जिन्दगी पटरी पर लौट रही है। लॉकडाउन में मनरेगा के कार्य ग्रामीण मजदूरों के लिये आजीविका का कार्य कर रही है।
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