बेमेतरा : चकमक अभियान व सजग कार्यक्रम से हो रहा है बच्चों का समग्र विकास...
बेमेतरा 21 मई : नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए पूरे देश में लाॅकडाउन है। इस दौरान छत्तीसगढ़ में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित सभी आंगनबाड़ी केन्द्र बंद है। इन केन्द्रो में 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को शाला पूर्व शिक्षा की गतिविधियों को निर्बाध रूप से चलाने के लिए बच्चों के समग्र विकास के लिए विभाग द्वारा बेमेतरा जिले मे चमकम अभियान एवं सजग कार्यक्रम बच्चों का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, रचनात्मक, सृजनात्मक विकास तथा परिवार में हर्षाल्लास का वातावरण निर्मित हेतु यह कार्यक्रम क्रियान्वित किया गया हैं।
चकमक अभियान बच्चों के लिए अभिव्यक्ति का एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ है, पूरे परिवार के साथ मिलकर हंसी-खुशी से सीखने-सिखाने का अच्छा अवसर बन गया है। इस अभियान को संचालित करने का उद्ेश्य बच्चों, माता-पिता और दादा-दादी तथा देखभाल करने वालों को वर्तमान स्थिति से निपटने में मदद करना है। इससे बच्चों को रचनात्मक तरीके से खुद को व्यक्त करने का अवसर मिला है। राज्य स्तर से मिले वीडियों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग के महत्ता को समझाते हुए न केवल इन बच्चों को घरों में जाकर अभिभावकों के स्मार्ट फोन में फारवर्ड किया जा रहा है बल्कि यथा संभव वे स्वयं अभिनय करके बच्चों का ज्ञानवर्धन कर रही है।


इन विडियों में बाल गीत, कविता, कहानियाॅं इत्यादि रोचक तरीके से प्रस्तुत किया गया है। इस तरह बच्चें घर में मौज-मस्ती और परिवार के सदस्यों के साथ खुशी एवं मजे से सीख पा रहें है। इस अभियान के दौरान परिवार के सदस्यों द्वारा बच्चों के साथ आनंदपूर्ण गतिविधियाॅं करायी जा रही है। चकमक अभियान हेतु साप्ताहिक गतिविधि कैलेण्डर राज्य से प्राप्त हुआ है। कैलेण्डर में दिनवार गतिविधि अनुसार गतिविधियाॅं कराई जा रही है। पालक भी बच्चों के साथ मिलकर गतिविधियाॅं में सक्रिय रूप से भाग ले रहें हैै। यह अभियान लाॅक डाऊन की अवधि में बच्चों के लिए विशेष पहल है।
सजग कार्यक्रम-के तहत् अभिभावकों के लिए विभाग से प्राप्त आॅडियों संदेश भी पर्यवेक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा स्मार्ट फोन में भेजा जा रहा है। इसमें बच्चों के व्यवहार में परिवर्तन होने पर सजग रहने, उनके साथ गुणवत्तापूर्वक समय बिताने, उनकी शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, रचनात्मक, सृजनात्मक विकास करने हेतु यह कार्यक्रम क्रियान्वित किया जा रहा हैं। बेमेतरा जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के सभी आंगनबाड़ी में कार्यक्रम संचालित हो रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक के गृहभ्रमण के द्वारा यह विडियों सहपरिवार सहित वीडीयों दिखाया जा रहा है। इन आॅडियो मैसेज में बच्चों के सही परवरिश के सुझाव के साथ बच्चों को अपनी कहानी सुनाने, ढेर सारी बात करने, गीत के साथ प्यार दुलार और खेल एवं परिवार में हर्ष का वातावरण निर्मित हुआ है। इस कार्यक्रम की मूल अवधारणा ‘‘सीखे, करके देखे, सिखाएं’’ इस सिद्धांत पर आधारित है। लाॅकडाडन के अवधि के दैरान अभिभावक और बच्चों को एक साथ गुणवत्तापूर्वक समय बिताने का अवसर तो मिला ही है, बच्चों की एकान्तता भी दूर हो रही है और वे गीत, कविता, कहानी इत्यादि के जरिए नैतिक मूल्यों को समझ रहें है। इस कार्यक्रम से बच्चों एवं पालको में हर्षाल्लास का वातावरण निर्मित हुआ है।
चकमक अभियान अंतर्गत साप्तहिक का कार्यक्रम
सोमवार मंगलवार बुधवार गुरुवार शुक्रवार
नदी या तालाब का चित्र बनाएॅ अलग- अलग जानवरो और पक्षियों की आवाज निकाले तीन अलग- अलग रंगों की तितलियाॅ बनाय कोरोना से बचाव के उपायों का वीडियो बनाय पत्थर को पानी के रंगों से सजाय
छत्तीसगढ़ी गीत गाय और विडियो रिकार्ड कर अपने पसंदीदा कलाकार का स्केच बनायें भारत के राष्टीय पक्षी मोर का चित्र बनाय भारत के राष्टीय पक्षी मोर का चित्र बनायें, अपना नाम अलग- अलग रंगों से लिखें
फलांे या सब्जी का चार्ट बनायें
समूह नृत्य करें और विडियो बनायेें
अपनी दिनचर्या को कविता या कहानी के माध्यम से बतायें
अपनी दिनचर्या को कविता या कहानी के माध्यम से बतायें
अपने घर या गाॅव का चित्र बनायें



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