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छत्तीसगढ़  स्वामी  विवेकानंद  तकनीकी  विश्वविद्यालय  भिलाई एवं आई आई टी मंडी हिमाचल प्रदेश के मध्य शैक्षणिक अनुबंध

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

 
दुर्ग : विगत 26 मार्च 2024 को छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई एवं आईआईटी मंडी हिमाचल प्रदेश के बीच एमओयू किया गया। इस एमओयू को विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ. एम. के. वर्मा एवं आईआईटी मंडी के निदेशक डॉक्टर लक्ष्मीधर  बेहरा द्वारा सम्पदित किया गया जिसके तहत अनुसंधान एवं अकादमिक गतिविधियों के विकास पर दोनों संस्थाओं द्वारा संयुक्त प्रयास किए जाएंगे। इस एम ओ यू के तहत फैकल्टी एवं स्टाफ, दोनों संस्थानों में आवागमन कर शैक्षणिक एवं कंसल्टेंसी कार्यों का क्रियान्वयन कर सकेंगे। इसके तहत संयुक्त रूप से संस्थान के नियम अनुसार पोस्ट ग्रेजुएट, पी. एच.डी. के छात्रों का सुपरविजन किया जाएगा।
 
विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग के बी. टेक. ऑनर्स के छात्र अपनी 6 माह की इंटर्नशिप स्टाइपेंड के साथ आईआईटी मण्डी में विषय विशेषज्ञों के मार्ग दर्शन में वहीं रहकर पूर्ण कर सकेंगे।संयुक्त रूप से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रोजेक्ट सेमिनार वर्कशॉप कॉन्फ्रेंस आदि आयोजित किया जा सकेंगे। इस प्रकार से विश्वविद्यालय के छात्रों को विश्व स्तर के प्रशिक्षण एवं शैक्षणिक सुविधा मिल पाएगी साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर के संसाधनों की उपयोगिता के अवसर मिलेगा। उद्योग आधारित कौशल प्रशिक्षण एवं उन्नयन की सुविधा भी छात्रों को प्राप्त होगी जिसे आधुनिक जगत की आवश्यकता अनुसार इंडस्ट्री रेडी मानव संसाधन तैयार हो सके। विदित हो कि आई आई टी मंडी में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के डिजाइन और निर्माण केंद्र (C4DFED Lab) इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के डिजाइन और निर्माण पर बहु-विषयक अनुसंधान के लिए एक अद्वितीय विश्व स्तरीय सुविधा है। इस लैब में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस फेब्रिकेशन, एडवांस्ड लिथोग्राफी एंड मैटेरियल्स फॉर सेमीकंडक्टर इंडस्ट्रीज , फोटोनिक एंड फोटोवोल्टिक डिवाइस , टेस्टिंग एंड पैकेजिंग ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस , इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स ( MEMS, NEMS, BIO-MEMS, SENSORS), इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस डिज़ाइन एंड सिमुलेशन स्थापित है । इस केंद्र में class 100, class 1000 और class 10000 स्तर की फेब्रिकेशन प्रयोगशालाएँ हैं जहाँ उच्च-स्तरीय परिष्कृत इलेक्ट्रॉनिक उपकरण डिज़ाइन, निर्माण और लक्षण वर्णन उपकरण स्थापित हैं। यह एमओयू 5 वर्षों के लिये होगा ।

 

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