प्रधानमंत्री आवास योजना से निराश्रित श्रीमती लाखो के जीवन में छाया उजियारा
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बलरामपुर : हर नागरिक का सपना होता है कि उसका अपना एक पक्का मकान हो, जिसमें वह अपने परिवारजनों के साथ आराम से जीवन व्यतीत कर सके। परन्तु आर्थिक स्थित सही नही होने के कारण सभी का यह सपना सकार नही हो पाता। इन्हीं गरीब/असहायों के अधूरे सपने को साकार करने शासन द्वारा ‘प्रधानमन्त्री आवास योजना‘ चलाई जा रही है, जिसके माध्यम से ऐसे गरीब असहाय जिनके पास अपना पक्का मकान नही था और निर्धनता के कारण अपना आवास बनाने में असमर्थ रहे है उनको इस योजना का लाभ देकर गरीबों का सपना साकार किया जा रहा है। कहा जा सकता है कि ‘प्रधानमंत्री आवास योजना‘ गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है।
श्रीमती लाखो दिवाकर ग्राम भगवतपुर ग्राम पंचायत जम्होर विकास खण्ड शंकरगढ़ की निवासी बताती है कि मेरे पति का देहान्त हो चुका है पति के मृत्यु के बाद मेरी जिन्दगी में चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा था। मेरा कच्ची दिवार वाला अत्यन्त पुराना घर था जिसकी छप्पर भी टूटी हुई थी। टूटी हुई छप्पर के उपर पन्नी तानकर गुजर-बसर चल रहा था। बरसात के दिनों में जब मूसलाधार बरसात होती थी, तो मेरे घर के अन्दर पानी ही पानी भर जाता था। जिससे मुझे और मेरे परिवार को बहुत सी दिक्कतों का सामाना करना पड़ता था। पति के देहांत के बाद घर पर कोई कमाऊ सदस्य न होने के कारण घर बनवाने की दूर-दूर तक कोई उम्मीद नही दिख रही थी।
एक दिन ग्राम पंचायत सचिव के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना का पता चला तब मैने भी पक्के आवास की उम्मीद में आवेदन कर दिया। कुछ दिन बाद मेरा आवास स्वीकृत हो जाने की सूचना मिली। पहली बार मुझे यकीन नही हुआ, किन्तु जब मैने बैंक जाकर पता किया तो मेरे खाते में पैसा आ गया था। मैने अपना घर बनवाना शुरू कर दिया। तीन किश्तो में आवास की धनराशि तथा मनरेगा की मजदूरी मिलाकर मिले पैसों से अपना घर बनवाया, इस पक्के आवास से मुझे काफी मदद मिल रही है। मै सरकार को धन्यवाद देती हूं कि जिन्होने मुझ जैसी निराश्रित गरीब महिला के बारे में सोचा और घर बनवाने के लिए धनराशि उपलब्ध कराकर मेंरी अंधेरी जिन्दगी में रोशनी लाने का काम किया।
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