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 छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष ने की कृषि से विभागों के कामकाज की समीक्षा

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

किसानों की आर्थिक स्थिति और बेहतर बनाने के लिए धान के साथ-साथ अन्य व्यवसायिक फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जाए

किसान ऐसी फसलें उत्पादित करें जिसकी बाज़ार में मांग हो, इससे किसानों को फायदा होगा : अध्यक्ष श्री शर्मा

महासमुंद : छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र शर्मा ने आज यहाँ कलेक्टर सभाकक्ष में कृषि से जुड़े सभी संबंधित विभागों के कामकाज की समीक्षा करते हुए कहा कि किसानों को लाभान्वित करना और उनकी स्थिति को मजबूत बनाना मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की प्राथमिकता में शामिल है। ज़िले में किसानों की स्थिति को और बेहतर बनाने के लिए धान के साथ-साथ अन्य व्यवसायिक फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य शासन दलहन और तिलहन की फसलों को बढ़ावा भी दिया जा रहा है। किसानों को इसका लाभ सुनिश्चित कर दलहन और तिलहन की खेती के लिए उन्हें प्रेरित करें।
 
  कलेक्टर श्री निलेश कुमार क्षीरसागर ने अध्यक्ष का स्वागत किया। सीईओ ज़िला पंचायत श्री एस. आलोक ने ज़िले की गौठानों में गोबर, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन क्रय-विक्रय सहित रिपा की आर्थिक गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में उपाध्यक्ष श्री महेन्द्र चंद्राकर, सदस्य श्री श्रवण पटेल, डॉ रश्मि चंद्राकर, सहित कृषि से जुड़े विभिन्न विभागों उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालान, केवीके, क्रेडा, जलसंसाधन, विद्युत और ज़िले के पशुपालक और किसान भी उपस्थित थे।
 
  अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र शर्मा ने मिलेट फ़सल को बढ़ावा देने तथा सिंचित क्षेत्रों में गेहूं की खेती को प्रोत्साहित करने कहा। उन्होंने कहा कि हम सबकी यह कोशिश होनी चाहिए कि किसान ऐसी फसलें उत्पादित करें जिसकी बाज़ार में मांग हो, इससे किसानों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि मिलेट एक ओर मानव के लिए पौष्टिक आहार हैं तो दूसरी ओर पशुओं के चारे के काम भी आता हैं। इसलिए यह मानव और पशुओं दोनों का भोजन हैं। श्री शर्मा ने ज़िले की गौठानों में और आय मूलक गतिविधियों को और बढ़ावा देने के साथ-साथ वहां लघु औद्योगिक इकाईयों की स्थापना के कार्य को प्राथमिकता से कराए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि गौठानों में स्थानीय कृषि एवं अन्य उत्पाद के मूल्य वर्धित उत्पाद (वैल्यू एडिशन की यूनिट ) को प्राथमिकता दी जाए। बैठक में गोधन न्याय योजना, मिलेट मिशन, जैविक खेती, ग्रीष्मकालीन धान के बदले अन्य फसलों की खेती, एकीकृत जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम, सामुदायिक बाड़ी, उद्यानिकी, पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग की हितग्राही मूलक योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई।
 
   बैठक में गोधन न्याय योजना, मिलेट मिशन, जैविक खेती, ग्रीष्मकालीन धान के बदले अन्य फसलों की खेती, एकीकृत जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम, सामुदायिक बाड़ी, उद्यानिकी, पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग की हितग्राही मूलक योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की गई। उन्होंने आगामी ख़रीफ़ फसल के लिए किसानों को बीज एवं उर्वरक वितरण खाद की पर्याप्त उपलब्धता, भण्डारण की जानकारी विभागीय अधिकारी से ली तथा बाजार में मिलने वाले रासायनिक खाद की दर उचित है या नहीं, इसके बारे में किसानों से पूछा। उन्होंने गौठानों में तैयार हो रहे वर्मी कम्पोस्ट का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर जैविक खेती करने हेतु कृषकों को प्रोत्साहित करने अधिकारियों को कहा। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादकता में वृद्धि के लिए विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है। किसानों को अच्छे किस्म का उन्नत बीज और समय पर उर्वरक उपलब्ध कराए जाने के साथ ही स्वॉयल हेल्थ टेस्टिंग और किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए।

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