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 स्वास्थ्य अमलें की सक्रिय भुमिका से कम हो रही मलेरिया मरीजों की संख्या
सूरजपुर : कलेक्टर  दीपक सोनी के निर्देषन एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर. एस. सिंह के मार्गदर्षन में जिले की स्वास्थ्य टीम ने मलेरियो रोकथाम में बड़ी सफलता प्राप्त की है। वर्ष 2017 के आकड़ों की तुलना में मलेरिया संभावित मरीजों में भारी कमी आई है। वर्ष 2017 में 897432 जनसंख्या में 220529 के रक्त जांच पर 6247 मलेरिया के मरीज मिले थे, जिसपर विभाग के सतत् प्रयास एवं निगरानी से यह संख्या कम होकर वर्ष 2018 में 1408 हो गई और वहीं वर्ष 2019 में 919411 जनसंख्या में 253428 लोगों के रक्त जांच में 648 मलेरिया के मरीज मिले हैं, इस प्रकार 55 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। विभाग मलेरिया को लेकर सर्तकता बरतते हुए कलेक्टर से प्राप्त दिषा निर्देषों के अनुरूप मलेरिया नियंत्रण पर कार्य कर रहा है।

सरगुजा संभाग में जिला सूरजपुर पिछले कई वर्षों से मलेरिया प्रभावित जिला रहा है, जिले के छः विकासखण्डों में ओडगी और प्रतापपुर सबसे अधिक मलेरिया प्रभावित क्षेत्र हैं, जिनमें ओडगी विकासखण्ड में बिहारपुर, लांजित और बेदमी तथा प्रतापपुर विकासखण्ड में रमकोला और जजावल सबसे अधिक मलेरिया प्रभावित क्षेत्र हैं इन क्षेत्रों में मलेरिया नियंत्रण हेतु विषेष कार्यक्रम भी चलाये जा रहें हैं। जिसमें एलएलआईएन मच्छरदानी का वितरण किया जा रहा है अबतक जिले के मलेरिया संभावित क्षेत्रों में 378000 मच्छरदानी वितरण किया गया है। यह विशेष प्रकार का दवा लेपित मच्छरदानी है जिसमें मच्छर नहीं बैठते हैं। इसकी उपयोगिता का निरीक्षण ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक, ए.एन.एम. और आशा मितानिन द्वारा किया गया है और लोगों को यह सलाह दिया गया है कि सभी मौसम में इस मच्छरदानी का उपयोग करें।

मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में डी.डी.टी. का छिडकाव किया जाता है। वर्ष 2019 में जिले छः विकासखण्डों के कुल 165 ग्रामों में छिडकाव कार्य कराया गया। जिसके अंतर्गत 194029 जनसंख्या लाभान्वित हुए। यह कार्य 17 अप्रैल से शुरू होकर 15 सितम्बर तक 75-75 दिनों के दो चरणों में किया गया। स्कूल और कॉलेज स्तर पर छात्र-छात्राओं को मलेरिया की जानकारी दिया गया तथा बचाव के उपाय के बारे में बताये। 25 अप्रैल को प्रति वर्ष विश्व मलेरिया दिवस आयोजित किये जाते हैं। जिसके अंतर्गत जिला विकासखण्ड उप स्वास्थ्य केन्द्र और ग्राम स्तर पर गोष्ठी आयोजित किये गये। शहरी क्षेत्रों में होडिंग और लोगों को पोस्टर पाम्पलेट वितरित किये गये हैं।

ओडगी विकासखण्ड के बिहारपुर क्षेत्र में महिला एवं पुरूष ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक सोमवार, बुधवार और गुरूवार को कैम्प आयोजित किये गये और सभी बुखार पीडित लोगों का रक्त परीक्षण किया गया। मलेरिया पाये जाने पर कैम्प में ही उस मरीज को दवाई खिलाई गयी। बचे हुए शेष दवाई को खिलाने की जिम्मेदारी आशा मितानिनों को दिया गया है। जून माह में मलेरिया रोधी माह के रूप में मनाया गया जिसके अंतर्गत ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों द्वारा घर-घर भ्रमण कर बुखार पीडितों का मलेरिया जांच किये गये और मलेरिया केस पाये जाने पर पूर्ण ईलाज किया गया। इस प्रकार बरसात में मलेरिया लोड कम हो गया। मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम में जिला नोडल अधिकारी डॉ. अजय मरकाम, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. अनिता पैकरा, जिला मलेरिया सलाहकार श्री विवेक सदन नाविक, मलेरिया टेक्निकल सुपरवाईजर सी.के. माहेश्वरी का विशेष योगदान रहा है।  

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