सफलता की कहानी : सोलरपंप किसानों के खेतों में लगने से खेती बाड़ी में होने लगी आसानी
प्रबिल, लिखन एवं प्रमोद हर सीजन कर रहे खेती, आमदनी में हुई बढ़ौतरी
लाॅकडाउन के दौरान 81 नग सोलर पंप स्थापित एवं 59 कार्य प्रगति में
जशपुरनगर 04 मई : जशपुर जिले के पहुंुचवीहिन क्षेत्रों के किसानों तक सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सौर-सुजला योजना सार्थक सिद्ध हो रही है। किसानों के खेतों में बिजली हो न हो, कोई अब फर्क नहीं पड़ने वाला। इनकों अब बिजली बिल से भी मुक्ति मिल गई है। वर्तमान समय में बढ़ते तापमान एवं परम्परागत संसाधनों के कमियों को दूर करने के लिए किसानों को सौर सुजला को अपने खेतों में लगाने के लिए प्रोत्सहित किया जा रहा है। किसानों को खेतों में सिंचाई व्यवस्था के लिए पंपों को स्थापित किया जा रहा है और उन्हें जानकारी देकर सोलर पैनल से सिंचाई करने की विधि बताई जा रही है।

क्रेडा विभाग के सहायक अभियंता श्री संदीप बंजारे ने बताया कि सोलर पंप के उपयोग से कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ भू-जल संवर्धन का भी कार्य किया जा रहा है इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 तक कुल 4339 सोलरपंप स्थापना का कार्य किया जा चुका है। वर्ष 2019-20 में जिला जशपुर में प्राप्त लक्ष्य 2238 के विरूद्ध 1738 की स्वीकृति की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि 17 मार्च 2020 की स्थिति में 107 नग सोलर पंप स्थापित किए गए हैं। लाॅकडाउन की अवधि में 21 अपै्रल से पुनः कार्य करने की अनुमति मिलने के बाद 81 नग सोलरपंप स्थापित किया गया है एवं 59 सोलर पंप का स्थापना कार्य खेतों में लगाने का कार्य तीव्र गति से प्रारंभ है। दूरस्थ क्षेत्रों में नरेगा अंतर्गत निर्मित कुएं, तालाब में लगभग 290 हितग्राहियो के विभिन्न क्षमता के 3 एवं 5 एचपी क्षमता का सोलरपंप लगाया गया है।

इसी प्रकार 2017-18 में कुल 1675 नग सोलर पंप भी लगाया गया है। नरेगा से निर्मित कुंए, तालाब में लगभग 469 हितग्राहियों के विभिन्न क्षमता के 3 एचपी एवं 5 एचपी सोलर पंप भी स्थापित किया गया है। इसी क्रम में विकासखंड बगीचा के कलिया कलस्टर में आने वाले हितग्राहियों को जिनके यहां सौर सुजला योजनांतर्गत सोलर पंप स्थापित करावा चुके हैं वे बगीचा विकासखंड के नटकेला ग्राम के प्रबिल भगत, लिखन राम ने 3 एचपी एवं कुरेडग प्रमोद ने 5 एचपी का पंप लगाकर खरीफ एवं धान फसल के अलावा अपने खेतों में रबी फसल में गेंहूं फसल के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के सब्जी की ख्ेाती, टमाटर, फुल गोभी, मटर, आलू, मिर्च, लौकी, करेला, भिण्डी की भी खेती से औसतन किसान माह में 35 हजार से 40 हजार तक की आमदनी अर्जित कर रहे हैं।

क्रेडा अधिकारी ने बताया कि हितग्राही को सिंचाई करने में किसी भी प्रकार का विद्युत शुल्क नहीं देना पड़ रहा है। निःशुल्क सिंचाई हो जाने से कृषकों को डबल फसल लेने में सुविधा हो रही है। साथ ही किसानों की आमदनी में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। किसान अपने खेतों में सोलर पंप की स्थापना से पूर्व केवल खरीफ की फसल ले पाते थे लेकिन पंप लग जाने के बाद अब सालभर में दो-तीन फसल आसानी से लेने लगे है।
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