आजीवका की तलाश में आये सपेरा परिवारों को कलेक्टर बलरामपुर ने तत्काल राशन तथा अन्य आवश्यक सामग्रियां उपलब्ध करवाई जल्द जायेंगे अपने घर
बलरामपुर-रामानुजगंज//कोरोना वायरस के प्रभाव तथा जारी लॉक डाउन से आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों से दूर है तथा वापस नही आ पा रहे है। ऐसी ही स्थिति बलरामपुर के राजपुर विकासखण्ड में बिलासपुर से आए सपेरा परिवारों की थी जो आजीविका की तलाश यहां पहुंचे थे ।
लॉकडाउन के कारण इनका काम बंद है, ऐसे में इन परिवारों ने घर जाने की इच्छा प्रशासन को बताई । कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने इन परिवारों की स्थिति को देखते हुए इन्हें सकुशल उनके घर पहुंचाने का निर्णय लिया। सपेरों के परिवारों के 84 सदस्यों स्वास्थ्य परीक्षण उपरांत बस द्वारा उनके घर के लिये रवाना किया गया ।
छत्तीसगढ़ में जनजातीय समुदाय के लोग घूम-घूमकर सांप का खेल दिखाकर जीविकोपार्जन करते है। आजीविका की तलाश में सपेरों का परिवार राजपुर विकासखंड में रुककर आसपास के क्षेत्रों में घूम-घूमकर अपना कार्य कर रहा था। इसी दौरान कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए लॉकडाउन किया गया। लॉकडाउन के कारण इनके सामने जीवनयापन का महत्वपूर्ण संकट खड़ा हो गया । इसकी जानकारी मिलते ही कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने इन परिवारों को तत्काल राशन तथा अन्य आवश्यक सामग्रियां उपलब्ध करवाई।
इनकी हर जरूरत का ध्यान रखा गया तथा परिवारों के छोटे बच्चों के लिए चलित स्कूल की व्यवस्था की गई थी जहां बच्चों को पढ़ाने के साथ ही उनका मनोरंजन तथा कोरोना से बचाव की जानकारी भी दी जाती थी। इनके लिए नियमित स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था भी की गई थी ।
पहले लॉकडाउन के बाद जब इसकी अवधि पुनः बढ़ायी गई तब इन परिवारों के लिए असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई जिससे इन्होंने घर जाने का निर्णय लिया और प्रशासन को इस संबंध में सूचना दी।कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने मामले की सवेंदनशीलता को देखते हुए इन्हें सकुशल घर पहुंचाने का निर्णय लेते हुए अधिकारियों सभी आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इन परिवारों का स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा परीक्षण कर गंतव्य के लिए रवाना किया गया। इनको रास्ते मे खाने के लिए अतिरिक्त खाद्य सामग्रियां भी दी गई। इन परिवारों के प्रमुख सदस्यों ने प्रशासन को हृदय से धन्यवाद देते हुए कहा कि हमें यहां कोई दिक्कत नहीं हो रही थी तथा हमारा पूरा ख्याल रखा जा रहा था । हमे किसी भी चीज की कोई कमी नहीं हुई लेकिन घर तो जाना था इसलिए हमने प्रशासन से गुहार लगाई। कलेक्टर सर ने हमें विश्वास दिलाया कि हमारे घर जाने की व्यवस्था जल्द की जाएगी । अब जब हम घर जा रहे है उनका हृदय से आभार, जिनके पहल पर यह संभव हो पाया है।
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