जशपुर : वनांचल के बच्चें नगरीय क्षेत्रों में उच्च शिक्षा ग्रहण करके बन रहे आत्मनिर्भर
छात्रवृत्ति योजना आदिवासी बच्चों के लिए बनी संजीवनी
जिले में 245 छात्रावास आश्रमों में 14581 बच्चें हो रहे लाभांवित
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति अंतर्गत 864 बच्चों को 1 करोड़ 58 लाख का वितरण
अंतर्राज्यीय पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति अंतर्गत 1327 बच्चों को 66 लाख 35 हजार का वितरण
नवाचार सीख कार्यक्रम के तहत् 109 प्राथमिक शाला के बच्चों को वाट्सअप गु्रप दी जा रही है शिक्षा
जशपुर : कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर के मार्गदर्शन में वनांचल क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी बच्चों विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरावा वर्ग के बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए शासन सार्थक प्रयास कर रही है। शासकीय स्कूलों में उन्हें निःशुल्क भोजन काॅपी किताब, छात्रवृत्ति, छात्रावास की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है ताकि बच्चों को एक ही जगह सारी सुविधाएं उपलब्ध हो सके। अधिकतर दुरस्त अंचल के आदिवासी बच्चे आर्थिक रूप से कमजोर रहते है। उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में आर्थिक मदद देने के लिए छत्तीसगढ़ शासन छात्रवृत्ति की भी सुविधा उपलब्ध करा रही है ताकि बच्चे अपने पढ़ाई पूरी करने में आसानी हो सके और उन्हें आर्थिक दिक्कत न होने पाए। बच्चों को नवाचार के माध्यम से आधुनिक शिक्षा पद्धति से जोड़ा जा रहा है। उन्हें लैपटाॅप, कम्प्यूटर, मोबाईल, प्रोजेक्टर और आधुनिक तकनिकी का भी उपयोग करना सिखया जा रहा है। जशपुर क्षेत्र के बच्चें अच्छी शिक्षा ग्रहण करके आज बड़े नगरीय क्षेत्रों में बी-टेक, इंजीनियरिंग, मेडिकल, बीएड, नर्सिंग, बीएससी नर्सिंग, फार्मेसी, बीबीए आदि उच्च शिक्षा ग्रहण करके आत्मनिर्भर बन रहे हैं।

नवाचार सीख कार्यक्रम के तहत् दुलदुला विकासखंड में जिला प्रशासन एवं यूनिसेफ के संयुक्त सहयोग से बच्चों के लिए चलाया जा रहा है। सीख कार्यक्रम के शुरूआत में शिक्षकों और पालकों के बीच संवाद स्थापित करने का सशक्त माध्यम है। सीख कार्यक्रम के तहत् प्रत्येक सप्ताह शाला स्तरपर बनाए गए वाट्सअप गु्रप के माध्यम से शिक्षकों और पालकों को संदेश भाषा, विज्ञान एवं खेल से संबंधित सीखने की सरल गतिविधियां डाली जाती है। जिला प्रशासन द्वारा बच्चों को जरूरी सामग्री काॅपी पेन, किताब, पेन, पेंसिल आदि उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि उनकों पढ़ने में आसानी हो सके। जिले के 109 प्राथमिक विद्यालय में सीख कार्यक्रम प्रारंभ हो गया है।

आदिमजाति विभाग के सहायक आयुक्त श्री एस.के. वाहने ने बताया कि जशपुर जिले अंतर्गत निवासरत छात्र,छात्राएं के साथ अन्य राज्य में जशपुर जिले के पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी शासन के ओर से छात्रवृत्ति की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इनमें अन्य राज्य से बाहर विभिन्न विषयों ळछड छनतेपदह 365ए ठेब छनतेपदह 416ए क्ण्डण्स्ण्ज् 09ए ठण्डण्स्ण्ज् 14ए ठण्ज्मबी 08ए ठम्ण्ब्पअपस 04ए च्वसल 02ए ड।ण्01ए ठण्मक 03ए ठेब ंकउपदप 01ए म्ण्म्दहपदप 01ए डम 06ए क्ण्च्ींतउं 03ए ठठ। 01ए आॅपरेशन टेक्नीसियन 01ए कुल 834 छात्र,छात्राएं अध्ययनरत है। जिसमें अनुसूचित जनजाति के 638 छात्र-छात्राओं को एक करोड़ चैबीस लाख तिरपन हजार चार सौ तिरासी रुपए एवं अनुसूचित जाति के 36 छात्र-छात्राओं को आठ लाख उन्नचास हजार अस्सी रुपए तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के 164 छात्र-छात्राओं को पचीस लाख उन्नीस हजार छः सौ अडतीस रुपए का का वितरण किया गया है।
अंतर्राज्यीय पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (राज्य से बाहर अध्ययनरत)
श्री वाहने ने बताया कि विभाग द्वारा अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को शिक्षा की सुविधा प्रदान किये जाने हेतु पोस्ट मैट्रिक छात्रावास का संचालन किया जा रहा है। जिसके तहत् जशपुर जिलेे अंतर्गत अनुसूचित जनजाति वर्ग के 13 बालक छात्रावास, 13 कन्या छात्रावास तथा अनुसूचित जाति के 01 बालक, 01 कन्या छात्रावास में संचालित है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जनजाति 1227 तथा अनुसूचित जाति 100 छात्र/छात्राओं को भोजन सहाय योजनांतर्गत अनुसूचित जनजाति हेतु इक्कसठ लाख पैतीस हजार रुपए, अनुसूचित जाति हेतु पांच लाख रुपए वितरित की गई है।
जिले में कुल 245 शासकीय एवं अशासकीय छात्रावास आश्रम संचालित है। जिसमें 15077 सीट स्वीकृत है। जिसमें 14581 बच्चें लाभांवित हो रहे है। अनुसूचित जाति आश्रम 1, अनुसूचित जाति प्री मैट्रिक छात्रावास 2 अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक 2, प्री मैट्रिक आदिवासी छात्रावास 87, पोस्ट मैट्रिक आदिवासी छात्रावास 24, आदिवासी आश्रम 80, क्रीड़ा परिसर 2, आदर्श छात्रावास 1, एकलव्य कन्या छात्रावास सन्ना1, एकलव्य कन्या छात्रावास 1 तथा अशासकीय छात्रावास 40 एवं अशासकीय आश्रम 03 शामिल है।
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