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 मुख्य सूचना आयुक्त ने दो जनसूचना अधिकारी पर पच्चीस-पच्चीस हजार रूपए का लगाया अर्थ दण्ड

 अपीलार्थी को पांच-पांच सौ रूपए क्षतिपूर्ति राशि  देने का आदेश पारित


रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त एम.के.राउत  ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास के प्रकरण में दो जनसूचना अधिकारी पर पच्चीस-पच्चीस हजार रूपए का जुर्माना और अपीलार्थी को क्षतिपूर्ति राशि पांच-पांच सौ रूपए देने का आदेश पारित किया है।

ग्राम पंचायत परघिया सरायपाली में वर्ष 2017 एवं ग्राम पंचायत बरेकेल में विनोद दास ने वर्ष 2018 में सूचना का अधिकार  अधिनियम के तहत जानकारी मांगा था। निर्धारित समय सीमा पर जानकारी दस्तावेज प्राप्त नहीं होने से अपीलार्थी ने जनपद पंचायत पिथौरा कार्यालय में प्रथम अपील प्रस्तुत किया। प्रथम अपील में सुनवाई के पश्चात दोनों जनसूचना अधिकारी को अपीलार्थी को वांछित दस्तावेज देकर पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश पारित हुआ लेकिन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पिथौरा के आदेश का पालन नहीं किया गया और न ही अपीलार्थी को जानकारी दिया गया।

अपीलार्थी ने इन दोनों जनसूचना अधिकारी के विरूद्व छत्तीसगढ राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील प्रस्तुत किया। तत्कालीन सूचना आयुक्त ए.के. सिंह ने द्वितीय अपील प्रकरण की सुनवाई की. 16 मई 2019 को बरेकेल ग्राम पंचायत के जनसूचना अधिकारी सह सचिव शेतकुमारी माछू और ग्राम पंचायत परघिया सरायपाली के जनसूचना अधिकारी सह सचिव अरूण बुढेक को 30 दिवस के भीतर अपीलार्थी को मांगी गई दस्तावेज देने का आदेश पारित किया लेकिन सूचना आयुक्त के आदेश का भी पालन दोनों जनसूचना अधिकारी ने जानबूझकर नहीं किया।

मुख्य सूचना आयुक्त एम.के.राउत ने इसे गंभीरता से लिया तथा 02 दिसम्बर 2019 को द्वितीय अपील में अंतिम पारित आदेश में दोनों जनसूचना अधिकारी को जानकारी नहीं प्रदाय करने एवं आयोग में कोई जबाब प्रस्तुत नहीं करने पर पच्चीस-पच्चीस हजार रूपए का अर्थदण्ड का आदेश दिया। साथ ही अपीलार्थी को पांच-पांच सौं रूपए क्षतिपूर्ति राशि भी देने का आदेश दिया है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार एवं प्रशासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता एवं जिम्मेदारी को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 प्रभावशील है।
 

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