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महासमुंद : नेशनल लोक अदालत में 612 लंबित मामलों का निराकरण और लगभग 4.14 करोड़ अवार्ड पारित

 द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा 

 
नेशनल लोक अदालत का वर्चुअल और वास्तविक उपस्थिति मोड में आयोजन
 
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महासमुंद : लंबित मामलों के निराकरण हेतु शनिवार 11 सितंबर को नेशनल लोक अदालत जिला न्यायालय महासमुंद एवं तहसील पिथौरा, सरायपाली स्थित सिविल न्यायालयों में कुल 13 खण्डपीठांे का गठन कर नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।
 
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 इन शिविरों में 612 लंबित मामलों का निराकरण और 4,13,96,736/- की राशि के आवार्ड पारित किए गए। उक्त सभी खण्डपीठों में श्रमिक विवाद, बैंक रिकवरी प्रकरण, विद्युत एवं देयकांे के अवशेष बकाया की वसूली और राजीनामा योग्य अन्य मामले के बकाया की वसूली संबंधी प्री-लिटिगेशन मामले, राजस्व न्यायालयों से संबंधित प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गये थे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित लोक अदालत, विवादों का निपटान करने का एक वैकल्पिक तरीका है। यह एक ऐसा मंच है,जहां न्यायालयों में लंबित वाद-विवाद व मुकदमे या प्री-लिटिगेशन चरण के मामलों का सौहार्दपूर्ण निपटारा किया जाता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,महासमुंद के सचिव श्री मोहम्मद जहाँगीर तिगाला व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश,श्री भीष्म प्रसाद पांण्डेय के कुशल मर्गदर्शन में नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन में महासममुंद अधिवक्तागण एवं न्यायालय के कर्मचारियों का अभूतपूर्व सहयोग प्राप्त हुआ। 
 
     नेशनल लोक अदालत का वर्चुअल और वास्तविक उपस्थिति मोड में आयोजन किया गया। कोविड-19 महामारी को देखते हुए दिनभर चलने वाली इस लोक अदालत के आयोजन के दौरान न्यायालय परिसर में आवश्यक सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से अनुपालन किया गया। 

  उक्त मामलों के अलावा राजीनामा योग्य दांडिक प्रकरण, परिवाद पर संस्थित मामले, मोटर दुर्घटना दावा संबंधी मामले तथा विद्युत के तहत विद्युत चोरी के मामले, सिविल मामले भी नियत किये गये थे। उक्त खण्डपीठों मंे उपरोक्त सभी मामलों की सुनवाई करते हुए जिला महासमुंद स्थित विभिन्न न्यायालयों में कुल प्री-लिटिगेशन 11,056 प्रकरणों में सुनवाई पश्चात् सुलह एवं समझौता के आधार पर कुल 5,907 प्रकरणों का तथा न्यायालयों में लंबित सिविल वाद, दांडिक मामलांे, मोटर दुर्घटना दावा इत्यादि के कुल 1,373 मामलों में सुनवाई पश्चात् सुलह एवं समझौता के आधार पर 612 मामलों का निराकरण किया गया और उनमें रूपये 4,13,96,736/- की राशि के आवार्ड पारित किए गए। 

मालूम हो कि 11 सितंबर को पूरे देश भर में माननीय उच्चतम न्यायालय से लेकर तहसील स्तर तक के न्यायालयों मंे एक साथ हाईब्रिड नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसके सफल आयोजन हेतु विगत कई माह से अनवरत
तैयारी की जा रही थी और पक्षकारों को नियत सुनवाई दिनांक के पूर्व राजीनामा हेतु नोटिस प्रेषित कर प्री-सीटिंग कर राजीनामा करने हेतु प्रोत्साहित किया गया था। इसी प्रकार मोटरयान दावा के कुल 12 प्रकरणों में 83,02,000/- रूपये के अवार्ड पारित किए गए जिससे दुर्घटना में मृत एवं घायल व्यक्तियों एवं उनके परिवारजनों को काफी राहत प्राप्त हुई।
 

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