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महासमुंद : लेख- मल्टीएक्टीविटी सेंटर के रूप में विकसित हो रहा गौठान, महिलाओं को मिल रही स्वावलंबन की राह

 द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा 

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महासमुंद : राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी से महासमुंद जिले के 131 गौठान में 464 महिला स्व सहायता समूहों के 3956 सदस्यों को रोजगार के साथ-साथ स्वावलंबन की राह मिल रही है। गौठान के माध्यम से जहां स्व-सहायता समूह के ग्रामीण महिलाएं पारंपरिक छोटे-छोटे व्यवसाय से सशक्त हो रही है। तो वही गौठान को मल्टी एक्टिविटी केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बनाकर काम किया जाकर विभिन्न आजीविका गतिविधियां वहां संचालित करके वर्मी खाद बनाने में लगे समूह की महिलाओं की आय के स्रोत बढ़ाए गए हैं। 

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इसमें उद्यानिकी फसल, सब्जी उत्पादन के लिए किट, गोबर से गोकाष्ट दिया, अगरबत्ती निर्माण, मशरूम उत्पादन इकाई, सीमेंट पोल निर्माण, मुर्गी, बकरी, मछली, पशु-पालन, दोना-पत्तल की इकाई, पेन निर्माण, बांस शिल्प, टेरा कोटा, सिलाई संबंधी इत्यादि कार्य गौठान में संचालित किये जा रहे है। जिससे कि विलेज इंडस्ट्रीयल पार्क बनाया जा सके। पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के प्रयास से आदर्श गौठानो में स्व-सहायता समूह की महिलाओ को सतत् रूप से रोजगार का जरिया उपलब्ध कराते हुए उन्हें स्वावलंबी बनाने का पुरजोर प्रयास किया जा रहा है इसमें सफलता भी मिलने लगी है। विभिन्न आजीविका गतिविधियॉ कर इन 464 महिला स्व-सहायता समूहों के 3956 सदस्यों ने अब तक कुल एक करोड़ 66 लाख 90 हजार 278 रूपए की राशि कमाई।

गौठान में मल्टी एक्टिविटी केंद्रो पर संचालित विभिन्न रोजगार मूलक गतिविधियों में 132 महिला समूह के 1350 सदस्यों द्वारा अभी तक कुल 47,69,871 किलोग्राम वर्मी खाद उत्पादन कर बिक्री से 99,76,113 रूपए की राशि का लाभ प्राप्त किया। वही 39 समूह के 345 सदस्यों द्वारा अभी तक कुल 15519 किलो सब्जी उत्पादन कर 674130 रूपए कमाए। इसी प्रकार 13 महिला समूहों के 123 सदस्यों द्वारा अभी तक कुल 569 किलो मशरूम उत्पादन कर 149000 रूपए का बेचा।

इसी प्रकार 32 समूहों के 300 सदस्यों द्वारा 17624 किलो मछली उत्पादन कर 734000 रूपए की मछली बेची। महिला समूह द्वारा मुर्गी पालन का व्यवसाय भी किया जा रहा है। इन 17 समूह की 132 सदस्य जुड़ी हुई है। इनके द्वारा मुर्गी पालन व्यवसाय से अब तक 195200 रूपए की आय प्राप्त की। समूह की महिलाएं बकरी पालन से भी जुड़ गयी है। इन 34 समूह के 240 सदस्यों द्वारा बकरी पालन कर 423000 राशि लाभ प्राप्त किया। महिला स्व-सहायता की 16 समूह के 112 सदस्यों द्वारा पशु पालन कर 278200 लाभ अर्जित किया। पन्द्रह समूह के 118 सदस्यों द्वारा गोबर से गोकाष्ट, दीया, अगरबत्ती निर्माण कर 38950 राशि का लाभ कमाया। इसी प्रकार 166 समूह के 1236 सदस्यों द्वारा अचार, साबुन, फिनाइल आदि सामग्री निर्माण कर 4221685 रूपए की कमाई कर चुकी है।
 

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