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महासमुंद : समूह की महिलाओं को केक एवं अन्य सामग्री बनाने से हो रहा मुनाफा

 द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा


एक माह के केक आर्डर से कमाए 36 हजार रुपए

महासमुंद : ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत् महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक विकास के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। जिसके तहत जिले के सभी विकासखंडों में महिला स्व-सहायता समूहों के लिए कई प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। जिला प्रशासन के विशेष पहल पर महिला स्व-सहायता समूह के उत्पादित सामग्रियों को सिरपुर के ब्रांड नाम से विक्रय किया जा रहा है।
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 इसके लिए जिला मुख्यालय, सभी ब्लॉक मुख्यालयों में सामग्रियों के विक्रय के लिए स्टॉल शुरू किए गए है। यहां पर महिला स्व-सहायता समूह से उत्पादित सामग्रियों को बिक्री की जा रही।
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इससे महिलाओं के इस प्रयास से उनके आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में बेहतर परिणाम देखने को मिलने लगा है। इससे महिलाएं अपने हुनर और योजना का लाभ उठाकर न केवल आर्थिक रूप से मजबूत हो रही बल्कि वे आत्मनिर्भर भी बन रही है।

     महासमुंद विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बावनकेरा के जय मां शारदा महिला स्व-सहायता समूह की दीदीयों ने अपने गाॅव में ही विगत 18 जून 2021 को बेकरी उत्पाद केक पर प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके उपरांत उन्होंने केक बनाने के लिए आॅर्डर लेना प्रारंभ कर लिया है।

उन्होंने बताया कि उन्हें गाॅव में ही 25 जून से 30 जुलाई तक कुल 120 नग जन्मदिन, सालगिरह सहित अन्य समारोह के लिए केक बनाने का आॅर्डर मिला। जिसको बेचकर वे 36 हजार रूपए की मुनाफा कमा चुकी है। इन महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा विभिन्न प्रकार की डिजाईन युक्त केक का निर्माण किया जा रहा है। ग्राम स्तर पर महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित केक ग्राहकों को बहुत पंसद आ रहा है।

गाॅव पर ही केक उपलब्ध होने से ग्रामवासियों को केक खरीदने के लिए बाहर जाना नही पड़ रहा है। विभिन्न प्रकार के केक का निर्माण कर महिला स्व-सहायता समूह अपने क्षेत्र में एक नई पहचान बना रही है। महिला समूह के इस आजीविका गतिविधि को देेखकर गांव के अन्य महिला स्व-सहायता समूह भी आजीविका गतिविधि करने के लिए काफी इच्छुक है। वे अपने इस कार्य से बेहद खुश है।

   वहीं बागबाहरा विकासखंड के कोमाखान की एकता महिला ग्राम संगठन महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों ने बताया कि गांव के 12 समूह मिलकर हैण्डवॉश, फिनाईल, वाशिंग पाउडर, आचार, बड़ी-पापड़ का निर्माण करती हैं। उन्हें अब सिरपुर ब्रांड के नाम से सामग्रियों की बिक्री करने का मौका मिल रहा है।

समूह की महिलाओं को पहले सामग्री निर्माण करने के लिए उन्हें दस दिवसीय प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया गया था। उन्होंने बताया कि अजीविका मिशन के तहत 15 हजार रूपये की चक्रीय निधि की राशि प्रदाय किया गया था। जिससे समूह की महिलाएं व्यवसाय प्रारंभ की थी। इसके उपरांत सामुदायिक निवेश कोष के तहत 60 हजार रुपये उन्हें प्रदान किया गया था, जिससे उनके आर्थिक स्थिति काफी सुधार हुई है।

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