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महासमुन्द : मुख्यमंत्री सुपोषण योजना- विशेष पिछड़ी जनजाति के कमार आदिवासी परिवार के बच्चों और महिलाओं को पुनः नि:शुल्क अण्डा वितरण शुरू

 द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा 

 
सप्ताह में तीन दिन क़रीबन 1600 हितग्राहियों के घर पहुँच रहा  नि:शुल्क उबला अण्डा 

महासमुन्द : विशेष पिछड़ी जनजाति में शुमार कमार आदिवासी परिवारों के 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के बालक और 1 वर्ष से 49 वर्ष तक के बालिकाओं और महिलाओं को 16 जून से पुनः उनके घर नि:शुल्क उबला अण्डा का  वितरण शुरू  हो गया है । ज़िले में कोरोना महामारी के नियंत्रण और रोकथाम के चलते लगाए गए लॉक डाउन के कारण महासमुंद और बाग़बाहरा विकासखंडों में अण्डा वितरण नही किया जा रहा था ।परन्तु पिथौरा ब्लॉक के दो गाँव में अण्डा वितरण सुचारु रूप से चालू था ।  कलेक्टर श्री डोमन सिंह की पहल पर  पिछले 01 मार्च से सप्ताह में तीन दिन निशुल्क अण्डा दिया रहा था ।इस पर होने वाला व्यय जिला खनिज न्यास निधि से किया जा रहा है । अभी हाल ही में ज़िला प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा ने समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत पुनः कमार जाति के पात्र हितग्राहियों को उबला अण्डा वितरण के निर्देश दिए थे। कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी अण्डा वितरण पुनः शुरू करने कहा था ।

बता दें कि  01 मार्च 2021 से कमार जाति परिवारों के 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बालक और 01 वर्ष से 49 वर्ष तक की क़रीबन 1600 बालिकाओं और महिलाओं को उनके घर अण्डा पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है ।  मार्च से दिए गए निर्देशानुसार बच्चें, बालिकाओं और महिलाओं को अण्डा मुहैय्या कराया जा रहा था । किंतु लॉक डाउन के चलते इसका वितरण प्रभावित हुआ । इस जनजाति को भारत सरकार द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा दिया गया है। बतादें कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत् महासमुन्द जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में 01 फरवरी से कुपोषित बच्चें और 15 से 49 वर्ष के चिन्हांकित एनीमिक महिलाओं को सप्ताह में तीन दिन गुणवत्तापूर्ण गरम पौष्टिक भोजन देने की शुरूआत हुई। इसके लिए भी राशि जिला खनिज न्यास निधि उपलब्ध कराई जा रही है। कोरोना के कारण अभी हाल आंगनबाड़ी केंद्र संचालित नही है । 

विभागीय अधिकारियों के  मुताबिक महासमुन्द सहित बागबाहरा और पिथौरा में कमार जाति के परिवार निवासरत् है। इनमें सबसे ज्यादा परिवार बागबाहरा विकासखण्ड में है। पूर्व वर्षों की सर्वे के मुताबिक जिले के 70 गांवों में कमार जनजाति के 671 परिवार थे। तब संयुक्त परिवारों में पुरूष की संख्या 1428 दर्ज है। तब अवयस्क रहें पुरूष भी अब वयस्क होकर अलग परिवार के रूप में रह रहें हैं। मौजूदा आंकड़ों में 1600 हितग्राहियों को सप्ताह में तीन दिन नि:शुल्क अण्डा दिया जा रहा है । कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि कमार जनजाति परिवारों के हितग्राहियों को राज्य सरकार की सभी हितग्राही मूलक योजनाओं का उन्हें पूरा-पूरा लाभ दिलाया जाये ।
 

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