महासमुंद : पढ़ई तुंहर दुआर पोर्टल के हमारे नायक कॉलम का एक वर्ष का सफरनामा
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
पढ़ई तुंहर दुआर पोर्टल में शिक्षिका श्रीमती संगीता का हमारे नायक के रूप में चयन

महासमुंद : पढ़ई तुहंर दुआर पोर्टल के हमारे नायक कॉलम के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 25 मई को छत्तीसगढ़ समग्र शिक्षा द्वारा राज्य स्तरीय वेबीनार -सफरनामा (शानदार एक साल) का आयोजन किया गया। वेबीनार का सीधा प्रसारण यू-ट्यूब के माध्यम से किया गया, जिसका सीधा लाभ राज्य के शिक्षकों को मिला। विगत एक वर्ष से हमारे नायक ने अलग-अलग थीम पर वास्तव में नायक के रूप में जमीनी स्तर पर चुप-चाप बिना किसी तामझाम के काम कर रहे शिक्षिकों का चयन किया जा रहा है। पिछले एक वर्ष में हमारे नायक ने अलग-अलग थीम पर चयनित कुछ चुनिंदा शिक्षकों और अधिकारियों को अपने अब तक के सफल, अनुभव और आगामी शिक्षा सत्र में बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखने की रणनीति को साझा करने का अवसर प्रदान किया गया। वेबिनार में रायपुर में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा श्री जितेन्द्र शुक्ला विशेष रूप से उपस्थित थे।
महासमुंद जिले के मा. स. गो.शासकीय उच्च प्राथमिक शाला सरायपाली ( अंग्रेजी माध्यम) की शिक्षिका श्रीमती संगीता पंडा ने बताया कि पढ़ई तुहर दुआर के cgschool.in पोर्टल में हमारे नायक के रूप में उनका चयन TLM निर्माण व उपयोग के थीम पर हुआ है ।
इसके अलावा उन्होंने पढ़ई तुहर दुआर के अंतर्गत संकुल एडमिन कक्षा 8 वीं के विज्ञान विषय से संबंधित शंका समाधान तथा असाइनमेंट चेक करने का कार्य भी किया है। साथ ही उन्होंने एक नवाचारी योजना हर घर प्रयोगशाला का प्रारंभ किया जिसे मुख्य सचिव शिक्षा विभाग डॉ आलोक शुक्ला द्वारा लिखित पुस्तक महामारी लेकिन पढ़ना लिखना जारी में भी स्थान मिला। वह आगे भी इन्ही थीम पर अपना कार्य जारी रखना चाहती हैं तथा नए शिक्षा सत्र के लिए भी जून से तीनों कक्षाओं के पाठ्यक्रम आरंभ करेंगी। शिक्षिका का मानना है कि एक शिक्षक के लिए वास्तविक सम्मान कोई अवार्ड नहीं होता वरन, बच्चों की सफलता व उनसे मिलने वाला स्नेह व सम्मान तथा पालको का शिक्षक के प्रति विश्वास ही एक शिक्षक के लिए असली सम्मान है। प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने शिक्षको के अनुभवों को सुना। उन्होंने राज्य के सभी शिक्षको अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि आप सभी का योगदान सराहनीय है।
डॉ. शुक्ला ने हमारे नायक को राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि कोरोना जैसी विषम परिस्थितियों में भी प्रदेश के शिक्षकों ने बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए अपना बहुमूल्य योगदान दिया। बीते एक साल में बहुत सारे शिक्षकों ने ऑनलाईन अध्यापन और नवाचारों के माध्यम से विद्यार्थियों को जोड़े रखने का भरपूर प्रयास किया। अभी भी स्थितियां पिछले वर्ष जैसी ही बनी हुई है। विद्यालयों के फिर से संचालन कर पाने की दुविधा को देखते हुए आगामी सत्र को औपचारिक और व्यवस्थित तरीके से बनाए जाने का विचार है। उम्मीद है कि इस वर्ष की शिक्षक ऑनलाईन माध्यम से बच्चों से जुड़े रहेंगी।
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