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कोरबा : राजीव गांधी किसान न्याय योजना- कोरबा जिले में 81.16 करोड़ रूपए की राशि डीबीटी के माध्यम से चार किश्तों में जाएगी किसानों के खातों में

 द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा 

 
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज पहली किश्त के रूप में 22 करोड़ 03 लाख रूपये अंतरित किए, जिले के 29 हजार 950 किसानों को मिली कृषि आदान सब्सिडी
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कोरबा : पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर आज प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कोरबा जिले के 29 हजार 950 किसानों केे खातों में कृषि आदान सब्सिडी की पहली किश्त के रूप में 22 करोड़ तीन लाख 56 हजार रूपए अंतरित किए। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत इस वर्ष खरीफ 2020-21 की यह पहली किश्त है। जिले के किसानों को इस योजना में चार किश्तों में 81 करोड़ 16 लाख 26 हजार रूपए की सहायता मिलेगी। इस कार्यक्रम में ही गोधन न्याय योजना के तहत एक मई से 15 मई तक के पखवाड़े के दौरान जिले में खरीदे गए 890 क्विंटल गोबर की राशि एक लाख 77 हजार 876 रूपए का भी भुगतान पशुपालकों को किया गया। वीडियो काॅन्फ्रंेसिंग के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में लोकसभा सांसद श्रीमती सोनिया गांधी, श्री राहूल गांधी सहित विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. चरणदास महंत, छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रीमंडल के सभी सदस्य भी शामिल हुए। कोरबा कलेक्टोरेट के वीडियो काॅन्फ्रंेसिंग कक्ष से कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर, सांसद श्री पी.एल. पुनिया, विधायक पाली तानाखार श्री मोहित राम केरकेट्टा, महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद, सभापति श्री श्याम संुदर सोनी सहित कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार, सहायक कलेक्टर श्री अभिषेक शर्मा एवं अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। 

राजधानी के मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से संचालित इस कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. श्री राजीव गांधी के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने एक साथ छत्तीसगढ़ के 22 लाख किसानों को पहली किश्त के रूप में एक हजार 500 करोड़ रूपए की कृषि आदान सहायता राशि का अंतरण किया। इसके साथ ही पशुपालकों को भी गोबर खरीदी के लिए सात करोड़ 17 लाख रूपए का ऑनलाइन अंतरण किया गया।
 
पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने के लिए दूरगामी निर्णय लेते हुए राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत इस वर्ष कोरबा जिले के 29 हजार 950 किसानों को 81 करोड़ 16 लाख रूपये से अधिक की सहायता चार किस्तों में मिलेगी। यह सहायता किसानों के बैंक खातों में सीधे जायेगी। आज पहली किश्त के रूप में जिले के किसानों को 22 करोड़ 03 लाख 56 हजार रूपये का भुगतान किया गया है। इस योजना के तहत वर्ष 2020-21 में सहकारी समिति लैम्पस के माध्यम से उपार्जित धान फसल के किसानों को सहायता राशि दी जा रही है। इस योजना के तहत पिछले वर्ष कोरबा जिले के 23 हजार 832 किसानों को 67 करोड 62 लाख 79 हजार रूपए की राशि मिली है।
 
धान के बदले दूसरी फसलों की खेती पर मिलेगी प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी- छत्तीसगढ़ सरकार ने आगामी खरीफ सीजन 2021 से  धान वाले रकबे में धान के बदले अन्य चिन्हित खरीफ फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ के मान से 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दिए जाने का निर्णय लिया है। इससे राज्य में धान के अलावा अन्य फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ सीजन 2020 से आगामी वर्षों में धान की खेती पर प्रतिवर्ष प्रति एकड़ 9000 रूपए इनपुट सब्सिडी देने फैसला लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोदो का समर्थन मूल्य तीन हजार रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। गौठानों में तैयार सुपर कम्पोस्ट खाद न्यूनतम मूल्य 6 रूपए प्रति किलो की दर से किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी। 

इसी तरह वर्ष 2020-21 में जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा है, यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान की फसल लेते हैं अथवा वृक्षारोपण करते हैं तो उन्हें प्रति एकड़ 9 हजार रूपए के स्थान पर 10 हजार रूपए इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वालों किसानों को तीन वर्षों तक अनुदान मिलेगा। राज्य सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना का आगामी खरीफ सीजन 2021-22 से दायरा बढ़ाते हुए इसमें धान के साथ-साथ खरीफ की सभी प्रमुख फसलों मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो-कुटकी, अरहर के उत्पादकों को भी प्रतिवर्ष 9 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया। खरीफ सीजन 2020 में धान के रकबे वाले खेतों में यदि किसानों द्वारा आगामी खरीफ सीजन 2021 से धान को छोड़कर कोई दूसरी चिन्हित फसलों की खेती की जाती है, तो उन्हें 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी प्रति एकड़ के मान से दी जाएगी।
 

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