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कोरबा : ठीक होने के बाद भी स्वास्थ्य की चिंता: पोस्ट कोविड कांउसिलिंग और ईलाज के लिए जिला अस्पताल में शुरू हुई ओपीडी

 द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा 

 
कोरोना के कुचक्र से मरीजों को पूरी तरह बाहर निकालने जिला प्रशासन की पहल
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कोरबा : कोविड संक्रमण से ठीक हुए मरीजों को शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ्य करने के लिए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने एक नई पहल की है। कोरोना के ईलाज बाद मरीजों को नकारात्मक मनोदशा से उबारने काउंसिलिंग की सुविधा शुरू की गई है। इसी तरह  कोविड संक्रमण के ठीक होने के बाद भी शरीर में होने वाले साइड इफेक्ट्स के बारे में लोगों को जागरूक करने और पीड़ितों का ईलाज करने के लिए भी ओपीडी शुरू की गई है। जिला प्रशासन ने विशेषज्ञ डाॅक्टरों के साथ पोस्ट कोविड काउंसिलिंग और ईलाज की यह सुविधा जिला अस्पताल में शुरू की है। जिला अस्पताल के स्पर्श क्लिनिक में कोविड को मात देकर ठीक हुए मरीजों को मन व्याप्त भ्रांतियों, भय और नकारात्मक पहलुओं से उबारने के लिए मनोवैज्ञानिक काउंसिलिंग मनोरोग विशेषज्ञों द्वारा दी जा रही है। इसके साथ ही कोविड के ठीक होने के बाद भी लोगों को होने वाले रोगों के ईलाज के लिए भी जिला अस्पताल में ओपीडी शुरू कर दी गई है।
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इस संबंध में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण कई लोगों ने अपने प्रिय परिजनों को खो दिया है। कई कोरोना संक्रमितों में ईलाज के दौरान मानसिक रूप से नकारात्मकता के भाव घर कर गये हैं। कलेक्टर ने बताया कि कोविड अस्पतालों में डाॅक्टरों और मेडिकल स्टाफ की मेहनत से मरीजों ने कोरोना संक्रमण को मात तो दे दी है परंतु ठीक होने के बाद भी कुछ मरीजों को मानसिक तनाव, ऐंग्जाईटी, व्याकुलता, बुरे ख्याल आना, मन में अनजाना डर रहना जैसे भाव भी महसूस होने की सूचना मिल रही हैं। श्रीमती कौशल ने बताया कि ऐसे मरीज कोरोना के भय से पूरी तरह बाहर नहीं निकल पाये हैं। इन कोरोना से स्वस्थ्य हुए मरीजों को ऐसे सभी नकारात्मक भावों से बाहर निकालकर जीवन के प्रति सकारात्मक रूख की तरफ मोड़ने के लिये मनोवैज्ञानिक कांउसिलिंग की व्यवस्था जिला अस्पताल में की गई है। जिला अस्पताल के स्पर्श क्लिनिक में मनोरोग विशेषज्ञ डाक्टर, मनोवैज्ञानिक काउंसलर और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता इस काम में लगे हैं। कोरोना को हराकर स्वस्थ्य होने वाले किसी भी व्यक्ति को मानसिक तनाव, व्याकुलता, मन में भय, ऐंग्जाईटी जेैसा महसूस होने पर वे इस क्लिनिक में आकर परामर्श ले सकते हैं। विशेषज्ञों द्वारा व्यक्ति की मनोदशा के हिसाब से जरूरी होने पर दवाईंयां भी दी जा सकती हैं।

श्रीमती कौशल ने आगे बताया कि कोरोना का ईलाज कराकर ठीक हुए कुछ लोगों में साईड इफेक्ट्स के तौर पर दूसरी बीमारियों के लक्षण भी महसूस होने की जानकारी मिली है। लंबे समय तक कोविड अस्पताल में ईलाज कराने के बाद शारीरिक कमजोरी के साथ श्वांस लेने में परेशानी, बदन दर्द आदि जैसी सामान्य सी बीमारियां भी ऐसे लोगों में नोटिस की गई है। कलेक्टर ने बताया कि कोरोना का ईलाज कराकर ठीक हुए किसी भी व्यक्ति को शरीर में किसी भी तरह का असामान्य लक्षण महसूस होने पर ईलाज के लिए जिला अस्पताल की ओपीडी में विशेषज्ञ डाॅक्टरों की व्यवस्था की गई है। आंखों में परेशानी होने पर नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह ली जा सकती है। इसी तरह कोई अन्य परेशानी होने पर ओपीडी में एमडी मेडिसीन डाॅक्टरों द्वारा भी मरीजों का ईलाज किया जा रहा है। कलेक्टर ने बताया कि जिला अस्पताल में शुरू की गई इस व्यवस्था के तहत आने वाले दिनों में कोरोना से ठीक हुए लोगों को ऐसी परेशानियों के लिए भर्ती करके ईलाज करने की भी प्रशासन की योजना है। इसके लिए जरूरी इंतजाम किये जा रहे हैं।
 

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