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बेमेतरा : कृषि महाविद्यालय ने एक दिवसीय प्रशिक्षण में बताया जैवनियंत्रण कारकों की महत्ता

  द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा


बेमेतरा : कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, ढोलिया, बेमेतरा में बीते दिनों राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के तहत् जैवनियंत्रण कारकों के उत्पादन विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
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इस विषय के अंतर्गत जैव नियंत्रण कारक जैसे-ट्राइकोडर्मा, ट्राइकोग्रामा, सुडोमोनस, वर्मीकम्पोष्ट एवं ब्रेकोनिड उत्पादन एवं लाभ के विषय पर तकनीकी जानकारी प्रदान की गई।

इस तकनीकी जानकारी हेतु डाॅ. ए. एस. कोटस्थानें, प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, पादप रोग विभाग, इंदिरागांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर, डाॅ. आर. के. एस. तिवारी, अधिष्ठाता, बीे. टीे. सीे. कृषि महाविद्यालय बिलासपुर  एवं डाॅ. वी. के. सोनी, सह प्राध्यापक कीटशास्त्र विभाग, कृषि महाविद्यालय, मर्रा, पाटन, उपरोक्तानुसार विषयों पर जानकारी हेतु उपस्थित थे।

इस तकनीकी सेमिनार में जिले के ग्रामीण विस्तार अधिकारियों एवं छात्र-छात्राओं को जैव कारकों के उत्पादन एवं उनका फसलों पर उपयोग कैसे करें विषय पर जानकारी प्रदान की गई ताकि मिट्टी, फसल एवं वातावरण की गुणवत्ता का ह्यस न हो एवं रासायनिक पेस्टीसाइड का उपयोग कम किया जा सके।

इस सेमिनार में जिलें से कुल 75 प्रशिक्षणर्थियों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया गया। इस सेमिनार के विशिष्ट अतिथि डाॅ. एस. एस. राव अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय रायपुर थे।
 
इस सेमिनार में कृषि महाविद्यालय बेमेतरा के अधिष्ठाता डाॅ. के. पी. वर्मा एवं समस्त वैज्ञानिक डाॅ. टी. डी. साहू, डाॅ. असित कुमार, डाॅ. यू. के. धु्रव, श्री संजीव मलैया, डाॅ. प्रीती पैंकरा, डाॅ. भारती बघेल, डाॅ. सरिता शर्मा, डाॅ. नारायण वर्मा तथा श्री बीरबल नाग उपस्थित रहे।

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