बेमेतरा : ‘विश्व ग्लाकोमा सप्ताह में 07 से 13 मार्च तक की जावेगी आंखों की जांच‘‘
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा'
बेमेतरा : राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम जिला बेमेतरा में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. सतीश शर्मा के निर्देशानुसार एवं सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ. वंदना भेले व जिला नोडल अधिकारी डाॅ. समता रंगारी (अंधत्व) के मार्गदर्शन में 07 से 13 मार्च तक विश्व ग्लाकोमा सप्ताह का आयोजन किया जायेगा।
कोविड-19 प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए ग्लाकोमा के संबंध में जिला चिकित्सालय, समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में नेत्र परीक्षण का आयोजन कर लोगों में जागरूकता अभियान चला कर इलाज व निःशुल्क चश्मा उपलब्ध कराया जायेगा।
नोडल अधिकारी डाॅ. समता रंगारी ने ग्लाकोमा के संबंध में बताया कि ग्लाकोमा (कांचबिंद) आॅख के अंदर एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आंखो का तनाव धीरे-धीरे बढ़ता है और आॅप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचाता है, परिणामस्वरूप नजर धीरे-धीरे बंद हो जाती है। सही समय पर ईलाज कराने से रोषनी जाने से रोका जा सकता है।
40 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों को समय-समय पर अपनी आंखो की जंाच करानी चाहिए। आंखो के अंदर लगातार एक्वस हुमर नामक तरल प्रवाहित होते रहता है। आंखो की निश्चित आकृति बनाये रखने के लिए निश्चित मात्रा का एक्वस हुमर तैयार होते रहता है और उसी मात्रा में आंखो से बाहर निकलते रहता है।
यदि बाहर निकलने का रास्ता किसी वजह से बंद हो जाता है तो आंखों के अंदर तरल की मात्रा बढ़ने से आंखो का तनाव बढ़ जाता है। ये तनाव सीधा आॅप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचाकर धीर-धीरे नजर बंद कर देता है। ग्लाकोमा का कोई ईलाज नहीं है, परंतु इसे बढ़ने से रोका जा सकता है।
यदि ग्लाकोमा के कारण दृष्टि चली गई है तो उसे जांच कर उपचार किया जाये तो बची हुई दृष्टि को बचाया जा सकता है। आंखों की दृष्टि जाने से पहले ही मरीज को स्वयं जल्द से जल्द इसकी जांच करापी चाहिए तभी इस बीमारी को रोका जा सकता है। इस बीमारी से बचने के लिए एक बार नेत्र विशेषज्ञ से जांच अवश्य करानी चाहिए।
अगर सही समय पर इलाज न किया जाये, तो व्यक्ति हमेशा के लिए अंधा हो सकता है। ग्लाकोमा की शिकायत 45 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति को, अपने परिवार में किसी को होने से, चश्में का नंबर जल्दी-जल्दी बदलना, बी.पी. या डायबिटिज के मरीज को हो सकती है। यदि आपको आंखो से बल्ब के चारों ओर रंगीन गोले नजर आए, आंखों में दर्द महसूस होना, रोशनी कम लगे तो यह काला मोतियां हो सकता है।


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