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 महासमुन्द : कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों की ली समीक्षा बैठक
'द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा' 

राजस्व अधिकारी राजस्व प्रकरणों को नियमों के तहत प्राथमिकता से करें निराकरण: कलेक्टर
राजस्व अधिकारी सीमांकन के प्रकरणों को एक माह के भीतर करे निराकृत
महासमुन्द एवं पिथौरा के भू-अर्जन प्रकरण पर हितग्राहियों को शीघ्र मिलेगा मुआवजा राशि
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महासमुन्द : कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने जिला कार्यालय के सभाकक्ष में जिले के राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को रोस्टर अनुसार राजस्व न्यायालयों, कार्यालय के निरीक्षण प्रकरणों के निराकरण की सभी लंबित मामलों का शीघ्र निराकरण करनेे तथा राजस्व विभाग से जुडे़ महत्वपूर्ण विषयों पर बिन्दुवार चर्चा करते हुए कहा कि अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, बंदोबस्त, त्रुटि सुधार, अतिक्रमण, डायवर्सन के प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करें। उन्होंने राजस्व अधिकारियों के ई-कोर्ट में निराकृत प्रकरणों एवं आॅनलाईन पंजीयन पर नामांतरण, आर.बी.सी 6-4 प्रकरणों के तहसीलवार निराकरण, सभी मदों की वसूली, सभी भू-अर्जन प्रकरणों के निराकरण की स्थिति, सामान्य भू-अर्जन प्रकरण एवं राष्ट्रीय राजमार्ग के भू-अर्जन प्रकरण एवं मुआवजा भुगतान की स्थिति तथा भू-अर्जन प्रकरणों में रिकार्ड दूरूस्तीकरण करने तथा निराकृत राजस्व प्रकरणों को रिकार्ड रूम में समय पर अनिवार्य रूप से जमा करने, सीमांकन के प्रकरणों को एक माह के भीतर पूरा करने, भू-अर्जन के प्रकरणों पर हितग्राहियों को मुआवजा राशि का भुगतान शीघ्र करने के निर्देश दिए। इस पर महासमुन्द के एसडीम ने बताया कि महासमुन्द विकासखण्ड के ग्राम तेन्दुवाही, रूमेकेल, बेरेकेल एवं रायमुड़ा के हितग्राहियों को एक करोड़ 50 लाख़ रूपए की राशि का भुगतान किया जाना है, इसी तरह पिथौरा एसडीम ने बताया कि ग्राम सांकरा, बिजेपुर, बल्दीडीह एवं बड़े टेमरी के भू-अर्जन हितग्राहियों को 26 लाख 86 हजार 893 रूपए का भुगतान किया जाना हैं। 
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उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी को रोस्टर अनुसार राजस्व न्यायालयों एवं कार्यालयों का निर्धारित समय-सीमा में निरीक्षण सुनिश्चित करें साथ ही राजस्व प्रकरणों के निराकरण की जानकारी भी लोगों को दें। चूंकि राजस्व विभाग के कामकाज ग्रामीणों को बहुत निकटता से प्रभावित करते है। समय-सीमा और संवेदनशीलता के साथ काम करके उनके दिक्कतों को कम किया जा सकता है। इसी प्रकार सभी राजस्व अधिकारी अपने कोर्ट में लंबित प्रकरणों की समीक्षा कर विश्लेषण करे। ऐसा करने से समस्या की वास्तविक जानकारी मिलेगी और पता चलेगा की समस्या किस क्षेत्र विशेष में केन्द्रित है। इस प्रकार उनके निदान के लिए पूरा फोकस किया जा सकता है।

कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि इन प्रकरणों का शीघ्र त्रुटि रहित निराकरण किया जाए। जिन्हें मुआवजा राशि का भुगतान नही मिला है ऐसे लोगों को नियमानुसार मुआवजा राशि का भुगतान कराएं। लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत आने वाली सेवाओं तथा शासन की फ्लैगशिप योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए समय-सीमा का ध्यान रखते हुए आवेदनों को निराकृत कर हितग्राहियों को लाभान्वित करें। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में पात्र किसानों को लाभान्वित करें। आर.बी.सी 6-4 प्रकरणों के तहसीलवार निराकरण, डिजिटल हस्ताक्षरित खसरों के सत्यापन की प्रगति, राजस्व अभिलेखों में आधार सीडिंग, मोबाईल नम्बर व जेंडर प्रविष्टि की प्रगति, 7500 वर्ग फुट तक शासकीय भूमि का आबंटन के एवं नियमितिकरण, आबादी नजूल पट्टों की भूमि को फ्री होल्ड करना, नए आबादी पट्टों का वितरण,, स्लम पट्टों का नवीनीकरण, नियमितिकरण एवं नवीन स्लम पट्टों का वितरण शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी पट्टों का परीक्षण एवं प्रगति, नामांतरण एवं नवीनीकरण, भू-अभिलेख का आॅनलाईन अद्ययतन, नक्शा अद्ययतिकरण की स्थिति की समीक्षा करते हुए समय पर त्रुटि रहित कार्य करने को कहा।

उन्होंने वन अधिकार पत्र के पुनर्विचारण के लिए लंबित आवेदनों में सुनवाई का कार्य विशेष अभियान के तहत करनके की पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही ना बरतें एवं  सभी राजस्व प्रकरणों को राजस्व नियमों के तहत जल्द से जल्द निराकरण करें। कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को धान को भीगने से बचाने के लिए संबंधित विभाग से समन्वय कर समुचित इंतजाम कराने, धान को व्यवस्थित तरीके से ढककर रखने और उपार्जन केन्द्रों में पानी निकासी के लिए समुुचित डेªनेज की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए। ताकि निचले हिस्से का धान खराब ना होने पाए । इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री जोगेन्द्र कुमार नायक, जिले के सभी एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार उपस्थित थें।

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